और यह सुनते ही रुक गए इखलाक के परिवार के कदम

ग्रेटर नोएडा। दादरी के बिसाहड़ा में उपजे सांप्रदायिक तनाव को खत्म करने की कोशिशें हिंदू और मुसलमान दोनों पक्ष कर रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को एनटीपीसी में दोनों की सद्भावना मीटिंग हुई, जिसमें कई गांवों के लोगों ने मारे गए शख्स इखलाक के परिजनों से गांव में ही रहने की अपील की।

कहीं नहीं गया परिवार: इखलाक के परिवार के दिल्ली शिफ्ट होने की खबरें मीडिया में चलती रहीं। डीएम ने इन खबरों को गलत बताते हुए कहा, ‘इखलाक का परिवार अपने घर पर है।’ वहीं, इखलाक के बेटे सरताज ने कहा, ‘गांव मेरा मूल है और रहेगा। प्रशासन के भरोसे से हम संतुष्ट हैं। मेरा ट्रांसफर चेन्नै से दिल्ली हो सकता है, जिसके बाद मुझे वहां जाना पड़ेगा।’
दोनों पक्षों की सद्भावना बैठक में कई गांवों के लोगों ने हाथ उठाकर इखलाक के परिवार से गांव न छोड़ने की अपील की। इसके बाद इखलाक के भाई जान मोहम्मद और अफजाल ने हाथ जोड़कर इसे मान लिया। गांव के लोगों की ओर से अपील की गई, ‘हम पहले जैसा प्यार देंगे, आप लोग गांव मत छोड़ो।’ इखलाक के भाइयों की ओर से कहा गया, ‘अगर आप सभी सहयोग देंगे तो हम लोग यहीं पर रहेंगे।’
बीजेपी नेता साध्वी प्राची को बुधवार को पुलिस ने बिसाहड़ा में घुसने से रोक दिया। बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ के संगठन ‘हिंदू युवा वाहिनी’ के सदस्य जितेंद्र त्यागी को रोका गया, तो उन्होंने कहा कि हम हिंदुओं को तन, मन, धन और गन से मदद देंगे।
राष्ट्रपति ने याद दिलाई एकता
दादरी के गांव बिसाहड़ा की घटना के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि विविधता, सहिष्णुता और बहुलता के मूल सिद्धांतों ने भारत को सदियों से एकजुट रखा है, इनकी अनदेखी नहीं की जा सकती। राष्ट्रपति भवन में बुधवार को बुक लॉन्च के मौके पर प्रणब ने कहा, ‘हमें यह बात दिमाग में रखनी चाहिए कि कई सभ्यताएं मिट गईं, लेकिन भारतीय सभ्यता इन्हीं सिद्धांतों के बल पर जिंदा है।’
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से दादरी कांड पर बातचीत की। सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय यूपी सरकार की रिपोर्ट से अंसतुष्ट है, इसलिए विस्तार से रिपोर्ट मांग सकता है।
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