कांग्रेस के अभेद्य किले में सुराख, बीजेपी का हाथ?

तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस के पास कुछ ही राज्य हैं, जिन्होंने पार्टी की लाज बचा रखी है, लेकिन अब लग रहा है कि कांग्रेस यहां भी दिक्कतों से जूझ रही है। ऐसे ही राज्य असम में पिछले कई दिनों से चले आ रही टूट-फूट को रोकने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने पूरी ताकत झोंक दी है।
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और पीसीसी चीफ अंजन दत्ता ने पार्टी के ही बागी हो चले गुट को 18 जुलाई तक मामला सुलझाने का अल्टीमेटम दिया था। इसी दौरान, कांग्रेस हाईकमान को भनक लगी कि बागी गुट एक नई क्षेत्रीय पार्टी बनाने की योजना बना रहा है। इसके बाद, ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटि के महासचिव सीपी जोशी व अन्य ने आनन-फानन में दिल्ली में एक मीटिंग बुलाई। बीते दो दिनों में नेताओं ने बागी गुट के नेता हिमांता बिस्व सरमा से बातचीत की। गौरतलब है कि अगले साल कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले असम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी पहले ही दावा कर चुकी है कि इस चुनाव में कांग्रेस की बुरी तरह हार होगी।बागी नेता सरमा ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस आला कमान से मुलाकात ऐसे वक्त में की, जब स्टेट यूनिट के चार सीनियर नेताओं ने गोगोई और दत्ता पर साजिश रचकर उन्हें साइडलाइन करने का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी थी।
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एक सीनियर कांग्रेसी नेता ने बताया, ‘हां, असम कांग्रेस में कुछ विवाद है। हम स्थिति से निपटने की कोशिश कर रहे हैं।’ हालांकि, इससे पहले जब सरमा ने स्टेट लीडरशिप के खिलाफ मोर्चा खोला था, तब कांग्रेस आलाकमान ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया था। अब सीनिरयर नेताओं को डर सताने लगा है कि इससे स्टेट में पार्टी के लिए नई मुसीबत खड़ी हो सकती है। कांग्रेस को डर है कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे बीजेपी का हाथ है। बीजेपी चाहती है कि सरमा बदरुद्दीन अजमल की पार्टी के साथ हाथ मिला लें। बदरुद्दीन पहले कांग्रेस के साथ रह चुके हैं, लेकिन अब माना जाता है कि वह नरेंद्र मोदी से काफी प्रभावित हैं और बीजेपी के साथ जा सकते हैं।
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