कुंद्रा-मयप्पन का ‘खेल’ खत्म, CSK- RR भी 2 साल के लिए बैन

तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। आईपीएल में सट्टेबाजी के दोषी पाए गए चेन्नै सुपर किंग्स के ऑफिशल गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के को-ऑनर राज कुंद्रा पर लाइफटाइम बैन लगा दिया गया है। अब वे कभी क्रिकेट से नहीं जुड़ पाएंगे। राज कुंद्रा को भी सट्टेबाजी का दोषी पाया गया है, मगर उनपर फिक्सिंग के आरोप साबित नहीं हो पाए हैं।
आईपीएल में सट्टेबाजी को लेकर दोषी पाए गए चेन्नै सुपर किंग्स के गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के को-ऑनर को सजा देने के लिए बनाए गए पैनल ने कहा कि दोनों ने नियम तोड़े है। जस्टिस लोढा ने कहा कि मयप्पन CSK से जुड़े थे और उन्होंने सट्टेबाजी करके खेल के नियमों को तोड़ा है। जस्टिस लोढा ने कहा, ‘सट्टेबाजी करने और ऐंटी-करप्शन कोड का उल्लंघन करने पर उन्हें 5 साल के लिए बैन किया जाता है। साथ ही वह कभी क्रिकेट से नहीं जुड़ सकेंगे।’ जस्टिस लोढा ने कहा कि कुंद्रा ने सट्टेबाजी तो की है, मगर फिक्सिंग के आरोप उनपर साबित नहीं हुए। उन्होंने कहा, ‘कुंद्रा ने कहा कि वह भारत के नागरिक नहीं है, इसलिए उन्हें यहां के नियम पता नहीं थे। मगर वह पढ़े-लिखे हैं, ऐसे में यह नहीं माना जा सकता कि उन्हें पतात नहीं था। इसलिए उन्होंने भी कानून और नियमों का उल्लंघन किया है।’ इसके बाद कुंद्रा पर भी आजीवन क्रिकेट से जुड़ने पर बैन लगा दिया गया।
16 मई, 2013 को दिल्ली पुलिस ने एस. श्रीसांत, अंकित चौहान, अजित चंदीला, श्रीसंत के दोस्त और कथित बुकी जीजू जनार्दन को 10 अन्य सट्टेबाजों के साथ अरेस्ट किया। ये गिरफ्तारियां आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग को लेकर हुई थीं।
कुछ समय बाद मुंबई पुलिस ने गुरुनाथ मयप्पन को भी सट्टेबाजी, धोखाधड़ी और साजिश रचने के आरोप में अरेस्ट किया। उस वक्त इंडिया सीमेंट्स के एग्जिक्यूटिव प्रेजिडेंट टी.एस. रघुपति ने बयान जारी किया कि मयप्पन न तो मालिक हैं और न ही कभी चेन्नै सुपर किंग्स से सीईओ या टीम प्रिंसिपल रहे हैं।
मयप्पन पर लगे आरोपों की जांच करने करने के लिए बीसीसीआई ने तीन सदस्यों- जस्टिस टी. जयराम चौटा, जस्टिस आर. बालासुब्रमण्यन और बीसीसीआई सचिव संजय जगदले की कमिटी बनाई।
उधर अक्टूबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के जज मुकुल मुद्गल के नेतृत्व में अडिशनल सलिसिटर जनरल एन. नागेश्वर राव और असम क्रिकेट असोसिएशन के सदस्य निलय दत्त के साथ तीन सदस्यों वाली कमिटी बनाई।
4 महीनों में करीब 100 लोगों से मुलाकात के बाद मुद्गल पैनल ने पिछले साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में साफ हुआ कि मयप्पन का चेन्नै सुपर किंग्स से सीधा नाता था वह टीम का अधिकारी था। मयपप्पन को सट्टेबाजी और आईपीएल 2013 से जुड़ी जानकारी लीक करने का दोषी पाया गया।
कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि श्रीनिवासन को बीसीसीआई के किसी भी पद पर न रखा जाए। वह साल 2011 से लगातार इस पद पर बने हुए थे। बाद में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में 42 आरोपी बनाए गए। इनमें से 6 फरार चल रहे हैं।
इसके बाद जनवरी 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व चीफ जस्टिस आर.एम. लोढा के नेतृत्व में पूर्व जस्टिस अशोक भान और आर. रवींद्रन के साथ एक पैनल बनाया। इस पैनल को मयप्पन, कुंद्रा और उनकी टीमों को लेकर फैसला करने और सजा तय करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
आईपीएल के रूल 11.3 में लिखा है कि अगर टीम के मालिक की वजह से बीसीसीआई, आईपीएल या फिर टीम किसी तरह से बदनाम होती है तो उसे टूर्नमेंट से बाहर कर दिया जाएगा। ऐसे में अब चेन्नै और राजस्थान का आईपीएल से बाहर होना तय दिख रहा है। आईसीसी चेयरमैन एन. श्रीनिवासन के भविष्य पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
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