कुलभूषण जाधव केस: आज फैसला सुनाएगी इंटरनेशनल कोर्ट, फांसी होगी या नहीं?

नई दिल्ली। कुलभूषण जाधव केस में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस आज अपना फैसला सुनाएगी. आपको बता दें कि तीन दिन पहले इंटरनेशनल कोर्ट ने भारत और पाकिस्तान की दलीलों को सुना था. सरकारी सूत्रों के मुताबिक इंटरनेशनल कोर्ट गुरुवार को भारतीय समयानुसार शाम करीब 3:30 बजे अपना फैसला सुनाएगी. बयान के मुताबिक, कोर्ट के प्रेसिडेंट रॉनी अब्राहम फैसला पढ़ेंगे.

सुनवाई पूरी होने से पहले पाकिस्तान दे सकता है जाधव को फांसी

भारत ने अपनी दलील रखते हुए मांग की थी कि जाधव की मौत की सजा को तत्काल सस्पेंड किया जाए. भारत ने आशंका जताई थी कि पाकिस्तान आईसीजे में सुनवाई पूरी होने से पहले जाधव को फांसी दे सकता है.

जब आईसीजे ने सुनवाई शुरू की तो भारत ने दमदार तरीके से अपनी दलीले तर्क पेश की. 46 साल के पूर्व नौसेना अधिकारी जाधव को पिछले साल तीन मार्च को गिरफ्तार किया गया था. पाकिस्तान की एक सैन्य कोर्ट ने उन्हें जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के आरोपों में मौत की सजा सुनाई.

जाधव को सबूतों के बिना दोषी करार देने के लिए मुकदमा

भारत ने जाधव मामले को आठ मई को इंटरनेशनल कोर्ट में रखा. भारत ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान वियना समझौते का उल्लंघन कर रहा है और जाधव को सबूतों के बिना दोषी करार देने के लिए मुकदमा चला रहा है.

पाकिस्तान ने आईसीजे में कहा कि वियना समझौते में काउंसलर कॉन्टैक्ट से जुड़े प्रावधान आतंकी गतिविधियों में शामिल किसी जासूस के लिए नहीं है. दोनों पड़ोसी देश इससे पहले 18 साल पहले आईसीजे में आमने-सामने थे जब इस्लामाबाद ने उसके एक नौसैनिक विमान को मार गिराने को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट की मध्यस्थता की मांग की थी.

जाधव को अपना बचाव करने के लिए मुहैया नहीं कराई गई कानूनी सहायता

साल्वे ने जाधव की गिरफ्तारी, उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने और मामले की सुनवाई से संबंधित तमाम कार्रवाई को विवेकशून्य तरीके से संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और विएना संधि का उल्लंघन करार दिया और कहा कि मनगढ़ंत आरोपों के संदर्भ में उन्हें अपना बचाव करने के लिए कानूनी सहायता मुहैया नहीं कराई गई.

साल्वे ने कोर्ट से कहा कि 16 मार्च, 2016 को ईरान में जाधव का अपहरण किया गया और फिर पाकिस्तान लाकर कथित तौर पर भारतीय जासूस के तौर पर पेश किया गया और सैन्य हिरासत में एक दंडाधिकारी के समक्ष उनसे कबूलनामा लिया गया. उन्हें किसी से संपर्क नहीं करने दिया गया और सुनवाई भी एकतफा की गई.

साल्वे ने कहा, “मैं आईसीजे से आग्रह करता हूं कि वह सुनिश्चित करे कि जाधव को फांसी न दी जाए, पाकिस्तान इस अदालत बताए कि (फांसी नहीं देने की) कार्रवाई की जा चुकी है और ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जो जाधव मामले में भारत के आधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता हो.”

जासूसों और आतंकवादियों पर लागू नहीं होती विएना संधि

पाकिस्तान की तरफ से पेश हुए वकील खवार कुरैशी ने मामले को आईसीजे में लाने के भारत के प्रयास को खारिज करते हुए कहा कि विएना संधि के प्रावधान जासूसों, आतंकवादियों और जासूसी में संलिप्त लोगों के मामलों में लागू नहीं होते हैं.

कुरैशी ने यह भी कहा कि भारत ने इस साल जनवरी में पाकिस्तान के उस संपर्क का कोई जवाब नहीं दिया, जिसमें जाधव से संबंधित मामले की जांच के लिए उससे सहयोग मांगा गया था.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button