गुरुद्वारे से वेन्यू के लिए निकले भज्जी, तेंडुलकर-अंबानी भी पहुंचे

bhajji1जालंधर। क्रिकेटर हरभजन सिंह और एक्ट्रेस गीता बसरा के शादी की रस्में शुरू हो गई हैं। शादी में शामिल होने के लिए तेंडुलकर-अंबानी फैमिली भी पहुंच गई हैं। क्लब कबाना में इन सभी के नाम से कमरे बुक किए जा चुके हैं।
इससे पहले भज्जी के निकनेम से मशहूर हरभजन के घर बुधवार को माइयां लगाने की रस्म निभाई गई। भज्जी के रिश्तेदारों ने उन्हें बटणा भी लगाया। इसके बाद जागो निकाली गई। यह प्रोग्राम रात करीब एक बजे तक चला। चूड़ा सेरेमनी से पहले भज्जी ने गीता से फोन पर भी बात की। गीता को उनके मामा ने सुहाग का चूड़ा पहनाया। गीता शादी में झारखंड के अहिंसा सिल्क से बनी ड्रेस पहनेंगी। खास बात यह है कि ये ड्रेस खुद हरभजन ने सिलेक्ट की है।
bhajji2क्लब कबाना में गीता की ‘सेंत’ रस्म
लंदन से आए गीता के मामा ने उन्हें चूड़ा और नथ पहनाने की रस्म निभाई। इस दौरान गीता बसरा की मौसी सोनू बाला, रमा और मां प्रवीण बसरा के अलावा बहन रूबी बसरा, भाई राहुल बसरा, नानी ज्ञान देवी, दादा वेद प्रकाश बसरा, दादी सुदर्शन बसरा मौजूद थीं। गीता ने अपने घर वालों और दोस्तों के साथ होटल में फोटो सेशन भी करवाया। इंग्लैंड में जन्मी गीता एक्टर बनने मुंबई आई थीं। यहीं उनकी भज्जी से मुलाकात हुई।
bhajji31500 मेहमानों का होगा स्वागत
हरभजन और गीता का आनंद कारज ब्लाइंड बच्चों के आश्रम में होगा। यहीं दोनों श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में लावां रस्म भी पूरी करेंगे। दोपहर को कबाना क्लब में लंच का प्रोग्राम है। इसमें करीब डेढ़ हजार मेहमान शामिल होंगे। कई बड़ी हस्तियां इसमें शिरकत करेंगी। कॉकटेल पार्टी 30 अक्टूबर और रिस्पेशन 1 नवंबर को दिल्ली में होगा।
bhajji4हरभजन ने ही सिलेक्ट की है गीता की ड्रेस
जानकारी के मुताबिक, हरभजन ने खुद गीता की ड्रेस फाइनल की है। बताया जाता है कि भज्जी ने गीता को अहिंसा सिल्क से बने ड्रेस पहनने की सलाह दी थी। गीता की ड्रेस डिजाइनर अर्चना कोचर ने वेडिंग कॉस्ट्यूम अहिंसा सिल्क से ही तैयार की है।
चार डिजाइनर्स
हरभजन के लिए अर्चना और राघवेंद्र राठौर व बसरा के लिए अर्चना और बबिता ने ड्रेस डिजाइन की है। अहिंसा सिल्क झारखंड में तैयार होता है। भज्जी भी इसी सिल्क से बनी ड्रेस पहने हुए हैं। अर्चना ने बताया कि गीता का लहंगा ऑरेंज जबकि चोली गोल्डन कलर की है। आमतौर पर शादी में रेड ड्रेस पहनी जाती है, लेकिन गीता को ऑरेंज कलर पसंद है।
bhajji5और अहिंसा सिल्क में ‘अहिंसा’ ही अहम
सिल्क बनाने के इस तरीके पर रोक के लिए कुसुमा राजैया हैंडलूम्स सेक्टर की एक टेक्निकल एक्सपर्ट ने 1992 में एक ऐसा तरीका खोजा, जिससे रेशम के कीड़े को कोई नुकसान नहीं होता। इस तरीके से बनाई जाने वाली सिल्क को अहिंसा सिल्क कहा जाने लगा, क्योंकि इसमें जीव हत्या नहीं होती। जुलाई 2006 में कुसुमा को अहिंसा सिल्क का पेटेंट मिल गया।
 

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