चीन की मंदी का कहर जारी, जापानी बाजार को भी चढ़ा ‘बुखार’

japani bukharटोक्यो। चीन की आर्थिक मंदी का कहर मंगलवार को भी दुनिया के बाजारों में कहर बरपा रहा है। दिन की शुरुआत के साथ ही जापान के शेयर बाजार निक्की में 3.8 फीसदी की गिरावट देखी गई। यह पिछले छह महीने में जापानी मार्केट में सबसे बड़ी गिरावट का दौर है। चीन की मंदी के डर से निवेशक अमेरिका, यूरोपियन और एशियाई बाजारों में बिकवाली करने में जुटे हैं।

निक्की के सूचकांक में 3.8 पर्सेंट की गिरावट देखी गई, जबकि जापान के बाहर एशिया पेसेफिक के शेयरों में भी बीते तीन सालों में सबसे बड़ी गिरावट आई है। ड्रैगन के संकट के बारे में बताते हुए जापान के वित्त मंत्री तारो असे ना कहा, ‘हमें उम्मीद है कि चीन अपने बाजार को स्थिर करने के प्रयास करेगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल जापान की ओर से किसी आर्थिक पैकेज का ऐलान किए जाने की संभावना नहीं है।

 चीन के बाजार में सोमवार को सबसे अधिक 8 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिली। यह 2007 के बाद उसके बाजार में आई सबसे बड़ी गिरावट है, जिसके चलते माना जा रहा है कि उसकी विकास दर इस साल 7 पर्सेंट से भी कम रह सकती है, जो वर्ष 2000 के बाद से सबसे धीमी होगी। चीन के साथ ही निवेशकों में अमेरिकी मौद्रिक नीति को लेकर भी शंका हैं। फेडरल रिजर्व ने कहा कि उसकी योजना इस साल दशक में पहली बार ब्याज दरों में इजाफा करने की है।

हालांकि, दुनिया के बाजारों में शेयरों के दाम लुढ़कने की वजह से अमेरिका की उम्मीदों पर पानी फिरा है। अमेरिका सितंबर में ब्याज दर में इजाफा करने की योजना बना रहा था। चीन के बाजार में गिरावट ने तेल की कीमतों में भी खासी कमी लाने का काम किया। सोमवार की गिरावट के बाद तेल के दामों में भी छह फीसदी की कमी देखने को मिली। यह साढ़े छह साल में सबसे अधिक है।

 

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