चीन के ‘तूफान’ से क्रूड कीमतों में आ रही ऐतिहासिक गिरावट

सोल। चीन की आर्थिक स्थिति को लेकर चिंताओं के मद्देनजर एशिया के कई शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। कच्चे तेल की कीमतों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में आई गिरावट से भारत को फायदा हो सकता है। भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है। हालांकि एक्सपर्ट्स इसे ग्लोबल मंदी के नजरिए से देख रहे हैं।
शंघाई के मुख्य शेयर सूचकांक ने खुलने के साथ 5 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की, वहीं तोक्यो और हांगकांग के बाजारों में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। आइरन ओर माइनर फोर्टस्क्यू के वार्षिक मुनाफे को 90 प्रतिशत की चोट पहुंचते ही ऑस्ट्रेलियन डॉलर भी फिसल गया। एशिया में सबसे बड़ा पहलू है तेल की कीमत। इसका सबसे बड़ा व्यापार है व इससे जुड़ा छोटे से छोटा पहलू बाजार पर असर डालता है। चीन के ‘तूफान’ से क्रूड की कीमतों में भी ऐतिहासिक गिरावट आ रही है। ब्रेंट ने सोमवार को 6 साल की सबसे निचली गिरावट दर्ज की। यूएस वेस्ट टेक्सस ने 40 डॉलर प्रति बैरल जबकि ब्रेंट 45 डॉलर प्रति बैरल से नीचे फिसल गया। बाजार चीन की धीमी आर्थिक वृद्धि और चीन में फैक्ट्री उत्पादन गिरने को लेकर चिंतित है।
मंदी का खतरा नहीं
मार्केट एक्सपर्ट्स अतुल सूरी का मानना है कि अमेरिकी बाजारों में शुक्रवार को आई भारी गिरावट के बाद निफ्टी 8000 के स्तर को तोड़ सकता है। वहीं, चुनिंदा शेयरों में 5-10 फीसदी की गिरावट देखी जा सकती है। इसी के साथ वह एक अहम बात कहते हैं कि ग्लोबल मंदी के आसार नहीं हैं और ग्लोबल बाजार में कमोडिटी की कीमतें नीचे आने से भारत को फायदा होगा। अतुल के मुताबिक अमेरिका और दुनिया के बाजारों में गिरावट का असर भारत पर भी दिखेगा, लेकिन भारत दुनिया के दूसरे बाजारों से बेहतर स्थिति में रहेगा। भारत के बाजार सबसे पहले रिकवरी दिखाएंगे।
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