चैंपियंस ट्रॉफी : दौरे पर रवाना होने से पहले बोले कोहली – जो चीज़ हमारे नियंत्रण में नहीं है, उसके बारे में हम नहीं सोचते हैं

मुंबई। आईपीएल-10 के बाद अब चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया के रवाना होने से पहले विराट कोहली ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने जहां पाकिस्तान से होने वाले मुकाबले के बारे में भी खुलकर जवाब दिए, वहीं महेंद्र सिंह धोनी और युवराज को टीम इंडिया का सबसे मजबूत दीवार बताया है. यही नहीं, उन्होंने अपनी फॉर्म पर उठा रहे सवाल के भी जवाब दिए. बता दें कि चैंपियंस ट्रॉफी एक जून से शुरू हो रही है. भारत को पाकिस्तान से पहला मुकाबला खेलना है.

भारत-पाकिस्तान का मैच को लेकर ये कहा
विराट ने कहा- जो चीज़ हमारे नियंत्रण में नहीं है, हम उसके बारे में नहीं सोचते हैं. फैंस और हर किसी के लिए भारत-पाकिस्तान बिल्कुल एक अलग मुकाबला होता है, लेकिन हमारे लिए ये सिर्फ एक क्रिकेट मैच होता है. हर बार यही सवाल होता है. जब आप इंडिया के लिए खेलते हैं तो आपके लिए हर मैच मायने रखता है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि हम कहां खेल रहे हैं. मेरे लिए ऐसा नहीं है कि कोई बदला लेना है. चाहे यहां जीते या फिर उप-महाद्वीप में जीत मायने रखती है.

भारत के लिए कैसी है चुनौती?

भारतीय टीम के कप्तान ने कहा- पहली चुनौती ये है कि हमें ये नहीं सोचना है कि हमें ट्रॉफी डिफेंड करनी है. पिछली बार हमने इंनज्वाय किया था. टेस्ट क्रिकेट में हमने जीत की भूख के चलते नंबर एक का हासिल किया और हम उसी माइंड सेट के साथ जाना चाहते हैं.

वर्ल्ड कप से कैसे अलग है चैंपियंस ट्रॉफी?
इंग्लैंड रवाना होने से पहले हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा- चैंपियंस ट्रॉपी में आपको पहले मैच से ही तैयार रहना पड़ता है. वर्ल्ड कप में कई बार आपको पीछे से भी वापसी का मौका मिलता है लेकिन यहां नहीं.

धोनी और युवराज का अनुभव कितना अहम?
वो दोनों (धोनी और युवराज) इस तरह के खिलाड़ी उन्हें मुझे कुछ कहने की जरूरत नहीं है. पिछली सीरीज़ में वो खुलकर खेल रहे थे, इंज्वाय कर रहे थे. टीम का कॉन्फिंडेस अलग हो जाता हजब ऐसे खिलाड़ी खुलकर खेलते हैं. वो हमारे दो सबसे मज़बूत दीवार हैं.

अहम फैक्टर कौन?
उन्होंन कहा- पिछली चैंपिंयस ट्रॉफी में हमारी ओपनिंग जोड़ी काफी अच्छी रही थी. रोहित और शिखर की जोड़ी का चलना हमारी जीत की सबसे बड़ी वजह थी. अश्विन और जडेजा का फॉर्म भी शानदार रहे थे. इस बार भी ये अहम फैक्टर होंगे.

इंग्लैंड में खेलना अलग चुनौती?
उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि हम कहां खेल रहे हैं? मेरे लिए ऐसा नहीं है कि कोई बदला लेना है. चाहे यहां जीते या फिर उप-महाद्वीप में जीत मायने रखती है.

हाल के महीने निजी तौर पर अच्छे नहीं रहे हैं?
उन्होंने कहा- आप नाकामी से काफी कुछ सीखते हैं और मैनें भी अपनी नाकामी से काफी कुछ सीखा है.

 

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