जनवरी से लागू होंगी 7th पे कमीशन की सिफारिशें, होगा 1.03 करोड़ लोगों का फायदा

नई दिल्ली। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू होंगी। इससे केंद्र सरकार के 48 लाख कर्मचारियों और 55 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। केंद्रीय वित्त सचिव रतन पी. वातल ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयोग दिसंबर में रिपोर्ट देगा। वित्त मंत्रालय ने आयोग के सामने इससे पड़ने वाले वित्तीय बोझ की बात रखी है। उम्मीद है कि आयोग सरकार की चिंताओं का ख्याल रखेगा। मौजूदा वित्त वर्ष में इसका ज्यादा असर नहीं होगा। लेकिन अगले साल इसका बोझ ज्यादा होगा।
जस्टिस एके माथुर की अध्यक्षता में आयोग का गठन फरवरी 2014 में यूपीए सरकार ने किया था। इसे 18 महीने का वक्त दिया गया था। अगस्त में इसे और चार महीने का समय मिला जो 31 दिसंबर को खत्म होगा। सरकार हर 10 साल में वेतन आयोग का गठन करती है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास, राजस्व सचिव हसमुख अधिया और मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन भी थे। मौजूदा वित्त वर्ष के छह महीने पूरे होने पर यह प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई थी।
राजस्व सचिव अधिया ने कहा कि इस साल सरकार का कर संग्रह लक्ष्य से 50,000 करोड़ रुपए कम रहेगा। यह कमी प्रत्यक्ष कर (इनकम और कॉर्पोरेशन टैक्स) के कारण आएगी। बजट में 14.5 लाख करोड़ रुपए कर संग्रह का लक्ष्य रखा गया था। अप्रैल-सितंबर में प्रत्यक्ष कर 12% बढ़ा है। अप्रत्यक्ष कर (उत्पाद और आयात शुल्क, सर्विस टैक्स) संग्रह में अगस्त तक 36.5% इजाफा हुआ है। साल के अंत में प्रत्यक्ष करों में कुछ कमी आ सकती है। लेकिन इसकी काफी हद तक भरपाई अप्रत्यक्ष करों से हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष करों में तेज वृद्धि डिमांड और आर्थिक गतिविधियां बढ़ने का संकेत है।
दास ने उम्मीद जताई कि बैंक कर्ज पर ब्याज में आगे और कटौती करेंगे। बैंकों ने अभी तक बेस रेट 0.25% से 0.40% तक घटाया है। उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में कटौती का निर्णय बैंकों को लेना है। इसमें सरकार हस्तक्षेप नहीं करती है। बचत स्कीमों पर ब्याज की समीक्षा करते वक्त छोटी बचत करने वालों और बुजुर्गों का ध्यान रखा जाएगा। पिछले हफ्ते रेपो रेट कटौती के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा था कि पीपीएफ, डाकघर जमा समेत सभी लघु बचत योजनाओं पर ब्याज की समीक्षा की जाएगी। अभी इन पर 8.7 से 9.3% तक ब्याज मिल रहा है।
आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि कम राजस्व के बावजूद राजकोषीय घाटा 3.9% के लक्ष्य को पार नहीं करेगा। जीडीपी विकास दर 7.5% से ज्यादा रहेगी। वित्त सचिव वातल ने कहा कि महंगाई लक्ष्य के भीतर है। राजकोषीय और चालू खाता घाटे में कमी आई है। रिजर्व बैंक के रेट कट से निवेश बढ़ेगा, कंपनियों की बैलेंस शीट सुधरेगी। 2012-13 में सब्सिडी जीडीपी के 2.5% के बराबर थी। मौजूदा साल में यह 1.6% पर आ गई है।
गोल्ड मॉनिटाइजेशन स्कीम अगले महीने जारी किए जाएंगे। अशोक चक्र निशान वाले सोने के सिक्के भी जल्द जारी होंगे। सरकार को इस साल गोल्ड बांड से 15,000 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है।
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