जन्म से फांसी की सजा तक ऐसी थी याकूब की पूरी कहानी

तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली मुंबई। याकूब को उसके जन्मदिन पर गुरुवार की सुबह फांसी दे दी गई। कुछ दिन पहले याकूब की पत्नी समेत उसकी फैमिली उससे मिलने आई थी, तब उसने फांसी के पहले बर्थडे मनाने की इच्छा जाहिर की थी और पत्नी से केक मंगवाया था। याकूब अपनी पूरी फैमिली में सबसे पढ़ा-लिखा शख्स था। जेल में रहते हुए भी वह पढ़ाई करता रहा।
कहा जाता है कि ब्लास्ट के बाद वह पाकिस्तान भाग गया था, लेकिन बाद में उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। हालांकि, याकूब का दावा था कि उसने 28 जुलाई 1994 को नेपाल में आत्मसमर्पण किया था। गिरफ्तार होने के बाद से मेमन 22 साल से सलाखों के पीछे था।
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