टीवी शॊ में मौलाना अशरफ़ जिलानी की धमकी: हिन्दूओं के घर में घुसके नमाज़ करेंगे
लो भाई सुनलो, एक टीवी चैनल पर पेनल डिस्कशन के दौरान मौलाना सय्यद सल्मान अशरफ़ जिलानी ने एंकर को खुले आम धमकी दी की हिन्दुओं के घर में घुस कर नमाज़ पडेगें। देश का सेक्यूलर ब्रिगेड, बुद्दी जीवी वर्ग, डिज़ाईनर पत्रकार, अवार्ड वापसी गैंग, असहिष्णुता ब्रिगेड, नॊट इन मै नेम गैंग, लोक तंत्र खतरे में हैं टोली सब के सब मरे पड़े हैं। किसी के मुहुं से एक शब्द नहीं निकला जब मौलाना ने हिन्दुओं को एक लाईव शॊ में धमकी दी कि वह हिन्दुओं के घर में घुस के नमाज़ पड़ेगा इस पर घंटॊ बहस नहीं चली कि आखिर मौलाना में इतनी हिम्मत आई कहां से की वो सरे आम धमकी दे। किसी हिन्दू ने इसका विरॊध नहीं किया यह बड़ी ही दुर्भाग्य पूर्ण बात है।
इससे पहले ऒवैसी ने भी हिन्दुओं को मारने की धमकी दी थी। एक मौल्वी ने तो मॊदी जी के सर पर फतवा निकाल दिया था। जब एक मुसलमान सरे आम हिन्दुओं को मार ने काट ने की धमकी देता है या घर में घुसके नमाज़ पढ़ने की धमकी देता है तो उसका विरॊध कॊई नहीं करता। सब सक्यूलरिस्म का चॊला तान कर कान, आँख, मुहुं बद करके बैठ जाते हैं। लेकिन अगर यही बात किसी हिन्दू ने कही होती कि वो मुस्लमानों के घर में घुसके भगवदगीता पढ़ेंगे, वो मुसलमान को सुअर की खाल में लपॆटेंगे, पन्द्रह मिनट तो क्या पन्द्रह सेकेंड के लिए पुलिस हटादॊ, हम इस्लाम का नामों निशान मिटादेंगे तो पूरे देश में हो हल्ला मच जाता।
अगर एक हिन्दू इस्लाम, कुरान या मुसलमान के बारे में कुछ कहता है तो देश के सारे पाखंडी ब्रिगॆड तुरंत इस को मुद्दा बना लेते है। तब उनको लॊकतंत्र और सेक्यूलरिस्म खतरे में दिखता है। लेकिन जब एक मुल्ला हिन्दुओं को सरे आम धमकी देता है तो सबके सब सुन्न हो जाते हैं। एक मुल्ले में इतनी हिम्मत आती कहां से है की वो हिन्दुओं को सरे आम धमकी देता है। हिन्दुओं में एकता कि कमी के वजह से ही मुल्लों को हिम्मत मिलती है कि वे कहे की हिन्दुओं के घर में घुसके नमाज़ पढ़ेंगे। हिन्दु, जाती के जंजाल में फंस कर आपस में ही लड़ रहा है। इसी तरह हिन्दु आपस में ही लड़ता रहा तो वो घर में घुस कर नमाज़ पढ़ना तो क्या घर की बहु बेटियों को उठा भी ले जायेंगे और हम देखते रह जायेंगे।
हिन्दुओं में एकता होती तो कोई मुल्ला ऐसे बेतुकी बातें करने से पहले सौ बार सॊचता। लेकिन उसे पता है कि “हिन्दू का दुश्मन हिन्दू” ही है। इतिहास गवाह है कि किस तरह मुघलों ने हिन्दुओं की इस एकता की कमी के वजह से हिन्दुओं पर 400 साल तक अत्याचार किया है। अब तो एक हो जाओ हिन्दुओं, अब तो अपनी आँखों से सेक्यूलरिस्म का चोला हटाओ। गहरी नींद से उठॊ डरपॊकॊं खतरे को सामने आते हुए देखो और उससे मुकाबला करने की तयारी करॊ। अब भी तुम हाथ पर हाथ धर के बैठे रहे तो देश के हर गली से घजनी, घॊरी, बाबर, औरंगज़ेब निकलेगा याद रखना।
सौ करोड़ हिन्दू, दलित, सिख, मराठा ,रजवाड़ा , जाट, गुर्जर, रेड्डी, अगड़ा, पिछड़ा में बंटा हुआ है। वह अपने को कभी सौ करोड़ हिन्दू नहीं कहता लेकिन वहीं तीस करोड़ मुसलमान खुद को एक कहता है। भले ही वह सुन्नी, सलफी, शिया या वहाबी हो जब बात इस्लाम की आती है तो वो सारे एक हॊ जाते हैं। इसके विपरीत हिन्दु अपने भाई बंधुओं के साथ लड़ता रहता है। इसी बात का फायदा दुशमन उठा लेता है। इतिहास के गलतियों से सबक सीखने का और दूसरॊं को सबक सिखाने का यही मौका है। एकता में बल है, अपने मत भेद को बुलाकर एक हॊ जाओ हिन्दुओं। धर्म की रक्षा करना भी धर्म है।
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