डोकलाम विवादः जब चीन ने पूछा ये आपका इलाका है, डोभाल ने दिया करारा जवाब

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच डोकलाम में पिछले 16 जून से चला आ रहा सीमा विवाद फिलहाल सुलझता नजर आ रहा है. 28 अगस्त को भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और चीन दोनों ही अपनी-अपनी सेना हटाने को तैयार हो गए हैं.  इस घोषणा को भारत की बड़ी जीत माना जा रहा है क्योंकि भारत इस मसले को बातचीत के जरिए सुलझाने के पक्ष में था, जबकि चीन भारत को लगातार युद्ध के लिए धमका रहा था. विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों देश अपनी सेनाएं डोकलाम से पीछे हटा रहे हैं. मंत्रालय ने बताया गया है कि इस मुद्दे को लेकर पिछले कई दिनों से हो रही बातचीत में भारत ने चीन को अपनी चिंताओं से वाफिक कराया जिसके बाद सेनाएं हटाने का फैसला हुआ है.

लेकिन बताया जा रहा है कि इसके पीछ जो बड़ा कारण रहा है वो भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल के चीन दौरे से संबंधित है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध को दूर करने में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अहम भूमिका रही है. खबर है कि जुलाई के आखिरी हफ्ते जब डोभाल चीन गए थे तो इस दिशा में पहली बड़ी प्रगति हुई.

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक जब अजीत डोभाल चीन के स्टेट काउंसिलर यांग जिएची से 27 जुलाई को बीजिंग में मिले तो यांग ने उनसे पूछा, “क्या ये आपका इलाका है?” इस पर डोभाल ने कहा, “क्या हर विवादित इलाका अपने आप चीन का हो जाता है?”  रिपोर्ट के अनुसार डोभाल ने चीनी राजयनिकों के साथ मुलाकात इस बात पर जोर दिया कि डोकलाम भूटान का इलाका है और भूटान के साथ हुई एक संधि के अनुसार भारत भूटान की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.

खबर के अनुसार डोभाल ने चीन से कहा कि डोकलाम को लेकर चीन और भूटान के बाच कई दौर की बातचीत हुई है और चीन ने भूटान को डोकलाम के बदले में उत्तर में 500 वर्ग किलोमीटर जमीन देने का प्रस्ताव भी दिया था. डोभाल ने चीन से साफ कहा कि डोकलाम को लेकर चीन और भूटान के बीच विवाद हल नहीं हुआ है और इसलिए यथास्थिति बहाल करने के लिए दोनों देशों को एक  साथ सेना हटानी चाहिए.

दरअसल भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सात जुलाई को हैम्बर्ग में हुई मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच इस कूटनीतिक बातचीत को मंजूरी दी थी. इस दौरान कई दौर की बातचीत हुई. बातचीत में विदेश सचिव एस जयशंकर और भारत के चीन मे राजदूत विजय गोखले शामिल थे.

आपको बता दें कि भारत सरकार के अनुसार दोनों देश विवादित इलाके से अपनी सेना हटाने को तैयार हो गये हैं. चीन डोकलाम में सड़क निर्माण भी बंद करेगा. हालांकि चीन ने समझौता होने की बात स्वीकार करते हुए भी उसकी शर्तों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की है. डोकलाम का इलाका भारत, भूटान और चीन के त्रिमुहाने वाले इलाके में स्थित है. भारत के सिक्कम से लगे डोकलाम भूटान का इलाका है जिस पर चीन अपना दावा जताता है. चीन इस इलाके में भारी सैन्य वाहनों के आवाजाही लायक सड़क बना रहा था जिसे भारतीय सैनिकों ने रुकवा दिया. उसेक बाद से ही दोनों देशों के बीच गतिरोध बना हुआ था.

 

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