डोभाल ने बनाया प्लान, दाऊद को ऐसे किया जाएगा कमजोर

नई दिल्ली। नैशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर अजीत डोभाल ने भारत के मोस्ट वॉन्टेड अपराधी दाऊद इब्राहिम और उसके सिंडिकेट को कमजोर करने की रणनीति तैयार की है।सूत्रों के मुताबिक डी कंपनी की विदेशी संपत्तियों की पहचान करके उन्हें सीज करवाने की योजना बनाई गई है। आइबी और रॉ की टीमों ने दुनियाभर में डी कंपनी की संपत्तियों का पता लगाना शुरू कर दिया है। जांच में पता चला कि ज्यादातर संपत्ति दुबई और अफ्रीका में है।
इस काम में वैश्विक खुफिया नेटवर्क की व्यापक जरूरत होगी, क्योंकि ज्यादातर संपत्तियां बेनामी हैं, जबकि कुछ दाऊद की बेटी और दामाद के नाम पर हैं। दाऊद पर तैयार डॉजियर में दुबई की ओएसिस ऑइल ऐंड लूब एलसीसी, अल-नूर डायमंड्स ऐंड ओएसिस पॉवर एलसीसी नामक फर्मों का जिक्र है। कथित तौर पर इन फर्मों का मालिक दाऊद है। डॉलफिन कंस्ट्रक्शन्स, ईस्ट वेस्ट एयरलाइन्स (अब चलन में नहीं), किंग विडियो और मोईन गार्मेंट्स नाम की फर्में भी लिस्ट में हैं।
डॉजियर में फिरोज नाम के एक शख्स का जिक्र है जो डी कंपनी का सदस्य है और दुबई में इन फर्मों को संभालता है। डॉजियर में लिखा गया, ‘फिरोज ओएसिस ऑइल ऐंड लूब एलसीसी संभालता है। इसे फिरोज ओएसिस के नाम से भी बुलाया जाता है। यह दक्षिण भारतीय है जो तमिल, अरबी, अंग्रेजी और हिंदी बोलता है। फिरोज अल-नूर डायमंड्स का काम भी देखता है।’
डॉजियर में जिक्र है कि सिंडिकेट का ज्यादातर बिजनस भारत में है और इसके तस्करी के तार दक्षिण एशिया, अफ्रीका और मध्य पूर्वी देशों तक फैले हैं। तस्करी में अल-कायदा भी सिंडिकेट के साथ काम करता है। डॉजियर में 2008 में मुंबई बम धमाकों मे दाऊद की भूमिका का भी जिक्र है।
डॉजियर के मुताबिक, ‘दाऊद के अल-कायदा के साथ करीबी रिश्ते हैं, जिसकी वजह से अमेरिका ने 2003 में उसे ‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी’ घोषित किया। दाऊद हवाला सिस्टम को कंट्रोल करता है और उसके सिंडिकेट का एकमात्र उद्देश्य दंगों और आतंकवाद के जरिए भारत को अस्थिर करना है।’ डॉजियर में अमेरिकी कोषागार विभाग की उस रिपोर्ट का भी जिक्र है, जिसमें ब्रिटेन और पश्चिमी यूरोप में नशीले पदार्थ पहुंचाने में डी कंपनी की भागीदारी का जिक्र है।
डॉजियर में जावेद चूटानी उर्फ डॉक्टर नाम के एक शख्स का भी जिक्र है जो दुबई में दाऊद का कारोबार संभालता है। ‘रियल एस्टेट में दिलचस्पी रखने वाला जावेद एक बुकी है और कामरान के नाम से सट्टा खेलता है। वह तारिक दुबई और दाऊद के बीच पुल का काम करता है।’ फाइल के मुताबिक दाऊद ड्रग्स के कारोबार, जाली करंसी के रैकेट, मनी लॉन्ड्रिंग और रियल एस्टेट के जरिए पैसा कमाता है। एजेंसियों को उम्मीद है कि अगर दाऊद की संपत्तियां सीज हो जाती हैं तो उसे पकड़ना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा।
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