तांत्रिक साधना करा रहे लालू, करोड़ों रुपए खर्च कर कराए जा रहे जादू-टोना

पटना। भले ही नेता जादू-टोना और तांत्रिक क्रियाओं को अंधविश्वास बताते हो, पर इन्हें आजमाने में कभी पीछे नहीं रहते। बिहार चुनाव के चलते इन दिनों देश के कई शक्तिपीठ पर नेताओं द्वारा विशेष तांत्रिक अनुष्ठआन कराए जा रहे हैं। इन सब में सबसे आगे हैं राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव। बताया जाता है कि लालू सबसे ज्यादा सम्मोहन तंत्र क्रिया की साधना करते और करवाते हैं। इसका असर भी देखने को मिलता है। जब भी वह बोलते हैं, लोग उन्हें सुनते जरूर हैं। इस बार भी चुनाव जीतने के लिए कई साधनाएं और जादू-टोना कराए जा रहे हैं। इन पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
नवरात्र पर्व पर तांत्रिक साधनाएं विशेष तौर की जाती हैं। लालू प्रसाद यादव का तांत्रिक साधनाओं से पुराना नाता रहा है। इसका पता तब चला था जब उन्होंने छह नवंबर 2003 को राजस्थान के आहोर में विशेष तांत्रिक अनुष्ठान कराया था। इस अनुष्ठान के पूरा होने पर लालू ने यहां के एक स्थानीय मंदिर में रातभर जप किया था। बिहार में दूसरे दौर का मतदान 16 अक्टूबर को होना है। लालू की देवी भक्ति उस समय भी देखने को मिली थी जब चारा घोटाले में जेल जा चुके लालू जमानत के बाद घर जाने से पहले बेटे तेजस्वी के साथ झारखंड के देवड़ी मंदिर पहुंचे थे। इस बारे में कहा गया था कि लालू की जमानत के लिए इस मंदिर में विशेष अनुष्ठान कराया गया था।
रोज हो रहे टोटके
इस चुनाव में नेताओं ने अपनी जय-विजय के लिए तांत्रिक अनुष्ठानों का सहारा लेना भी शुरू कर दिया है। बिहार में इस समय चुनाव लड़ रहा शायद ही कोई ऐसा नेता होगा जो तंत्र-मंत्र के फेर में नहीं पड़ा हो। पहले टिकिट के लिए अनुष्ठान हुए अब टिकट मिल गया तो जीतने और विरोधी उम्मीदवार को हराने के लिए अनुष्ठान हो रहे हैं। श्मशान घाट में कच्चा मशान तक को सिद्ध करने की कोशिश इस दौरान होती है। विरोधी को निपटाने के लिए उम्मीदवार श्मशान साधना भी करा रहे हैं। टौने-टोटके तो रोज ही किए जा रहे हैं।
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