तेजस्वी यादव ने नीतीश को कहा, ‘हिम्मत होती तो मुझे बर्खास्त करते’

पटना/नई दिल्ली। बिहार विधानसभा में आज (शुक्रवार) नीतीश कुमार के बहुमत परीक्षण से पहले विपक्षी नेता के रूप में पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने महागठबंधन तोड़ने के लिए सीधे तौर पर नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराते हुए उनपर आरोपों और सवालों की बौछार कर दी. तेजस्वी ने अपने लंबे भाषण में कहा कि नीतीश कुमार ने उनसे एक बार भी इस्तीफा नहीं मांगा था और ना ही उन्हें बर्खास्त किया. आरजेडी विधायक दल के नेता ने कहा कि नीतीश कुमार ने महागठबंधन को नुकसान पहुंचाकर बिहार की जनता को धोखा दिया है. आगे पढ़ें तेजस्वी यादव ने अपने भाषण में और क्या-क्या कहा…

तेजस्वी यादव ने खुद के उपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का बचाव करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने मुझसे एक बार भी इस्तीफा नहीं मांगा. ना ही मुझे बर्खास्त किया. यदि उनमें हिम्मत होती तो वे मुझे बर्खास्त कर देते. उन्होंने आरएसएस के साथ मिल जाे का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि  हम स्वाभिमानी लोग हैं. जबकि बीजेपी सत्ता की लोभी है. आरजेडी ने ही जेडीयू का वजूद बचाया था. वरना लोकसभा के चुनावों मेें तो नीतीश कुमार मात्र दो सीटों पर ही सिमट गई थी. भ्रष्टाचार के मामले पर उन्होंने ये भी कहा कि क्या नीतीश कुमार यह नहीं पता था कि लालू यादव सजायाफ्ता हैं.

‘हे राम’ से ‘जय श्री राम’ पर पहुंचे नीतीश

तेजस्वी ने नीतीश पर तंज कसते हुए उनके बीजेपी के साथ जाने पर कहा कि अब नीतीश कुमार ‘हे राम’ से ‘जय श्री राम’ पर पहुंच गए हैं. नीतीश कुमार बीजेपी से डर गए और उसके सामने घुटने टेक दिए जबकि मैं 28 साल का हो कर भी नहीं डरा. सरकार पांच साल के चुनी गई थी फिर ये पांच साल तक क्यों नहीं चली?

तेजस्वी के भाषण की खास बातें 

– नीतीश कुमार चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पर गांधी जी के हत्यारों से मिल गए

– बिहार के डीएनए को गाली देने वालों के साथ नीतीश कैसे मिल गए?

– पुत्र मोह में नहीं, भाई मोह में गठबंधन टूटा

– नीतीश कुमार पिछड़े और दलितों के विरोधी हैं

– नीतीश कुमार का बिहार में कोई आधार नहीं है, वह रणछोड़ हैं

– एक आदमी की छवि बनाने के लिए ये सब किया गया है

– लोकसभा चुनाव में दो सीटों पर सिमट गए थे.

– सीएम ने मुझसे एक बार भी इस्तीफा नहीं मांगा

– हमने महागठबंधन को बचाने की कोशिश की

– बिहार का चार साल क्यों बर्बाद किया गया ?

– बिहार में चार साल में चार सरकारें बनीं

– 2013 में बीजेपी एमपी को क्यों बर्खास्त किया गया ?

–  नीतीश की ये कौन सी छवि है?

–  आरजेडी ने ही नीतीश कुमार का वजूद बचाया है

– नीतीश ने कहा था कि मिट्टी में मिल जाएंगे लेेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे

– मैंने एफआई आर से जुडी़ सारी जानकारी नीतीश को दी

– तेजस्वी एक बहाना था, बीजेपी में जाना था

गौरतलब है कि बिहार में आरजेडी जेडीयू और कांग्रेस का महागठबंधन बुधवार को टूट गया था. इसके बाद गुरुवार को नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली और 6वीं बार सीएम पद की शपथ ली.

 

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