…. तो आईजी अमिताभ यश ने बब्बर खालसा के आतंकवादी को छोड़ने के लिए माँगा था 10000000 रुपये

लखनऊ। चलो, अब तो यकीन आ जाएगा आपको, कि लखनऊ में बैठा एक आईजी अफसर अपने लम्बे हाथों में कमाल का हुनर रखता है। लेकिन उसके यह लम्बे हाथ यूपी या देश की जनता, सरकार, या कानून के लिए नहीं, बल्कि देशद्रोहियों-आतंकवादियों की सहायता के लिए ही मददगार हैं। इतने बड़े मददगार है यह पुलिस अफसर, कि इसके लिए वह पंजाब की नाभा जेल तक को तोड़ कर उन्हें भगा देने तक की कूबत रखता है। लेकिन ऐसे देशद्रोहियों-आतंकवादियों की मदद यह अफसर केवल सेंत-मेंत में ही नहीं करता है, बल्कि इसके लिए वह बाकायदा एक भारी-भरकम रकम तक उगाह लेता है।
जी हां, इस अफसर का पद नाम है पुलिस महानिरीक्षक। वह भी स्पेशल टास्क फोर्स जैसी एक विशेषज्ञता हासिल रखे एक बड़ा मुस्तैद और बाकायदा अत्याधुनिक असलहों और उपकरणों से लैस। यह आईजी इस एसटीएफ का मुखिया है। नाम है अमिताभ यश। अपनी शुरूआती नौकरी में तेज-तर्रार अमिताभ ने दो बड़े एनकाउंटर तो कराये, लेकिन उसके बाद से अमिताभ यश की आभा लगातार कुयश की ओर सरकने-धंसकने लगी। आज हालत यह है कि अमिताभ यश के सीने पर मेडलों के साथ ही उसके उसके माथे पर एक निहायत घिनौना निशान चस्पा हो गया है, वह है आतंकवादियों-देशद्रोहियों को जेल से भगाने के लिए साजिश बुनना और उसके लिए एक करोड़ रूपयों की भारी-भरकम रकम उगा लेना। ज्ञातव्य है कि अमिताभ यश गोरखपुर का आईजी जोन की कुर्सी पर भी आसीन रह चुका है।
आपको बता दें कि पंजाब के चर्चित नाभा जेल ब्रेक मामले में उत्तर प्रदेश एक वरिष्ठ अधिकारी पर गिरफ्तार आरोपी को कथित तौर पर घूस लेकर छोड़ देने का आरोप लगा है। स्पेशल फोर्स के आईजी स्तर के आईपीएस अधिकारी पर आरोप है कि उसने जेल ब्रेक के मास्टरमाइंड गुरप्रीमत सिंह ऊर्फ गोपी घनश्याम पुरा को घूस लेकर छोड़ दिया। गौरतलब है कि पिछले साल दर्जन भर से अधिक हथियारबंद लोगों ने पंजाब के नाभा जेल पर हमला कर छह खूंखार कैदियों को भगा ले गए थे, जिसमें आतंकी भी शामिल थे।
पंजाब एसटीएफ ने इस मामले में 25 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। पंजाब की कार्रवाई के तहत आईजी स्तर के आईपीएस अधिकारी पर आरोप है कि गोपी घनश्याम पूरा को पिछले हफ्ते लखनऊ में ही गिरफ्तार किया गया था। घनश्याम की गिरफ्तारी की खबर हरजिंदर सिंह भुल्लर उर्फ विक्की ने अपने फ़ेसबुक पेज पर पोस्ट की, हरजिंदर उन 6 आरोपियों में से 1 है जो नाभा जेल से फरार हुए थे। सूत्रों के मुताबिक अधिकारी के घूस लेने का ऑडियो मुख्यमंत्री के पास मौजूद है।
योगी सरकार ने इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए कमेटी गठित की है। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगने के बाद योगी आदित्यनाथ ने आपात बैठक की। बैठक में डीजीपी और प्रमुख सचिव मौजूद थे।
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