…तो इसलिए सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को बनाया था प्रधानमंत्री
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नई दिल्ली। इंदिरा गांधी के पूर्व सहायक फोतेदार ने किताब में बताया है कि प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षा पालने वाले माधवराव सिंधिया ने वर्ष 1999 में एक वोट से वाजपेयी सरकार के गिरने के बाद मुलायम सिंह को अपने साथ मिलाने के लिए अमर सिंह का उपयोग किया।
वाजपेयी सरकार के गिरने के बाद प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह का नाम आगे बढ़ाया। कांग्रेस पार्टी में कुछ लोग सोनिया गांधी के इस फैसले से सहमत नहीं थे। माधव राव सिंधिया ने कांग्रेस नीत गठबंधन सरकार को समर्थन देने के बारे में मुलायम सिंह यादव की सोच बदलने के लिए अपने मित्र अमर सिंह का उपयोग किया।
उन्होंने लिखा, ‘सोनिया जी तब चुनावी राजनीति में नहीं थीं। उन्होंने राष्ट्रपति से मुलाकात कर दावा किया कि उनकी पार्टी के पास 272 लोकसभा सदस्यों का समर्थन है। सोनिया मूल पत्र राष्ट्रपति को सौंपना चाहती थीं, उसमें संकेत दिया गया था कि मनमोहन सिंह पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।
हालांकि, मैंने उन्हें सिंह का नाम हटाने की सलाह दी थी। मगर, प्रधानमंत्री पद के लिए मनमोहन सिंह को चुनने के बारे में सोनिया गांधी की चतुर राजनतिक सोच का पता चला, क्योंकि मनमोहन सिंह का राजनीतिक आधार नहीं था। वह सोनिया गांधी के नेतृत्व के लिए कभी खतरा नहीं बन सकते थे।
इसके अलावा मनमोहन सिंह सिख समुदाय से थे, जो ऑपरेशन ब्लूस्टार और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों के कारण गांधी परिवार से खासा नाराज था। वर्तमान में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य फोतेदार के अनुसार, यह अपने बच्चों की सुरक्षा की खातिर शांति बनाने के लिए सोनिया का तरीका था।
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