…तो BHU बवाल सिर्फ मोदी और योगी सरकार को बदनाम करने की बड़ी साजिश का नतीजा था

BHU विवाद के पहले दिन से मौजूद था,JNU का छात्र नेता

लखनऊ। BHU में हुए बवाल को लेकर जो बात कुलपति जेसी त्रिपाठी ने कही थी काफी हद तक वो तथ्य अब साफ होने लगा है। वीसी ने आरोप लगाया है कि BHU में हो रहे छात्राओं के धरने को बाहरी छात्रों द्वारा हाईजैक कर लिया गया जिसके चलते मामला बढ़ गया। सोशल मीडिया में इसको लेकर फोटो वायरल हो रही है।वाराणसी से प्रकाशित समाचार पत्रों में भी JNU के छात्र नेता की फोटो प्रकाशित हो चुकी है।

जब BHU में सुरक्षा की मांग को लेकर छात्राओं ने धरना प्रदर्शन करना शुरू किया उसमें उनको छात्रों का भी सपोर्ट मिला। माना जा रहा है कि पहले दिन से एक छात्र मृत्युंजय सिंह जो धरना और बवाल के समय मौजूद रहा वह बीएचयू का छात्र है ही नहीं।

इधर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्टर के अनुसार पत्रकार श्वेता सिंह का दावा है कि 200 से अधिक छात्र छात्राओ की पुष्टि हुई है जो JNU दिल्ली से BHU में पहुंचे थे। पोस्टर के अनुसार श्वेता सिंह का यह भी मानना है कि ऐसे छात्रों को मोदी और योगी सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से ही भेजा गया था।

निश्चचित रूप से इन छात्र छात्राओं ने BHU पहुंचकर वहां की छात्राओं द्वारा छेड़छाड़ की घटना के विरोध को आंदोलन का रूप देने में अपनी भूमिका अदा की होंगी। पिछले वर्ष JNU में जिस प्रकार देश विरोधी नारे लगे थे और राहुल गांधी जैसे प्रधान मंत्री पद के दावेदार, कांग्रेसी नेताओ के साथ  JNU छात्रों के समर्थन में पहुँचे थे उसे देखते हुए इस बात से इनकार नही किया जा सकता कि BHU में भी इसी तरह मोदी को बदनाम करने की नीयत से  उपद्रव कराने की कोशिश की जा रही होगी।  BHU के अध्यन प्रेमी छात्रों ने इन बाहरी तत्वों को नकारा ही नही बल्कि मीडिया के सामने एक छात्रा ने यह बयान भी दिया कि भीड़ में कुछ छात्राये ऐसी भी थी जिन्हें  कभी BHU में देखा ही नही गया। यह जांच का विषय है और जांच एजेंसियां ऐसे असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध स्वंम कार्यवाही करेंगी।

प्रदर्शनकारी छात्र मृत्युंजय को लेकर जो तथ्य सोशल मीडिया में सामने आ रहे हैं उसमें कहा जा रहा है कि यह छात्र JNU के छात्र नेता और संगठन में सिक्योरिटी एडवाइजर कमेटी का सदस्य है। साथ ही छात्र संगठमन का संयोजक है। वर्तमान में यह JNU में पढ़ाई कर रहा है।

सोशल मीडिया पर जारी हुए एक फोटो में मृत्युंजय सिंह यहां घटना के दिन मौजूद रहा और जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र से छात्रों के साथ अपनी मांग रखते हुए भी दिखाई पड़ रहा है। हालांकि अधिकारी अभी इसमें कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।

गौरतलब है कि बीएचयू में हुए बवाल के पहले दिन से ही इसमें बाहरी छात्रों के शामिल होने का आशंका जोर पकड़ने लगी थी। अब जो तथ्य सामने आ रहे हैं उससे स्थितियां काफी हद तक साफ होने लगी है। फिलहाल पूरे मामले पर सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं साथ ही कुलपति जेसी त्रिपाठी के अधिकार भी सीज कर दिए गए हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर का भी इस्तीफा हो गया है। कुलपति के स्थान पर नए कुलपति का विज्ञापन भी निकल चुका है। बावजूद इन सबके – कुलपति हटा दिए जाने, प्रॉक्टर बदल जाने से क्या BHU के हालात ठीक रहेंगे – इस बात की गारंटी लेने  कोई भी पक्ष अभी तक तैयार नही हुआ है। BHU में यदि JNU जैसे छात्र संगठन के पदाधिकारियों का प्रवेश रोका न गया तो अन्ततः नुकसान BHU में जोड़ने वाले छात्रों का ही होगा,अतः यह काम राजनीति के खिलाड़ियों से दूर रहकर छात्रों को स्वंम करना होगा।

 

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