दलित का घर जलाने की CBI जांच होगी: बच्चों के अंतिम संस्कार से पिता का इनकार

ballabhनई दिल्ली/फरीदाबाद। हरियाणा के बल्लभगढ़ में दलित परिवार का घर और दो बच्चों को जिंदा जलाए जाने की घटना का विरोध बुधवार को तेज हो गया। दबंगों के हमले में अपने बेटे और बेटी को खो चुके जितेंद्र नाम के दलित शख्स ने दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। घटना के विरोध में आगरा-दिल्ली नेशनल हाईवे-2 पर चक्काजाम कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसके बाद जाम खुलवाया गया। बढ़ते तनाव के मद्देनजर हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर ने बुधवार को होने वाला सुनपेड गांव का दौरा टाल दिया। खट्टर अब गुरुवार को पीड़ित परिवार से मिलने जाएंगे। इस बीच, दलित का घर जलाए जाने की घटना की सीबीआई से जांच कराने की हरियाणा सरकार ने सिफारिश कर दी है। खबर यह भी है सरकार ने पीड़ित परिवार के लिए 10 लाख का मुआवजा और 1 मेंबर को नौकरी की भी सिफारिश की है।
क्या है मामला?
फरीदाबाद के पास बल्लभगढ़ के सुनपेड गांव में सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात कुछ लोगों ने दलित समुदाय के जितेंद्र के घर में घुसकर पेट्रोल छिड़का और आग लगा दी। फिर बाहर से दरवाजा बंदकर भाग गए। घटना में बुरी तरह से झुलसे जितेंद्र के दोनों बच्चों की दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गई। जितेंद्र और उनकी पत्नी भी घायल हो गए। पत्नी का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में आईसीयू में इलाज चल रहा है।
बुधवार को क्या हुए डेवलपमेंट्स?
> कांग्रेस वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी जितेंद्र से मिलने सोनपेड गांव पहुंचे। लेकिन यहां मीडिया के सवालों पर भड़क गए। उन्होंने कहा- कौन कह रहा है कि यह फोटो-ऑप है? लोगों को यहां जिंदा जलाया गया। लोगों की हत्याएं हो रही हैं। मैं आऊंगा, बार-बार आऊंगा। (पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
> लेफ्ट नेता वृंदा करात, आप आदमी पार्टी के नेता आशुतोष, संजय सिंह और किसान नेता योगेंद्र यादव भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे।
> बच्चों की लाश को सड़क पर रखकर बैठे परिजनों की मांग थी कि जब तक आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होगी तब तक वे बच्चों का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
> धरना दे रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। जाम खुलवाया।
> बढ़ते तनाव को देखते हुए हरियाणा के सीएम मनोहर खट्टर ने सुनपेड गांव का अपना दौरा फिलहाल टाल दिया है। खट्टर बुधवार को सुनपेड गांव जाकर पीड़ित दलित परिवार से मिलने वाले थे। सीएम के ओएसडी जवाहर यादव ने खट्टर का दौरा टलने की जानकारी दी।
> इस मामले में अब तक पांच लोगों को अरेस्ट किया गया है।
> ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर सरकार ने आठ पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया है।
> दिल्ली में हरियाणा भवन के बाहर सामाजिक संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन।
> पुलिस ने मामले में 4 नामजद आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने चारों आरोपियों को 2 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है।
हाईवे पर तैनात किए 400 पुलिस वाले
NH-2 पर और बल्लभगढ़ -फरीदाबाद रोड़ पर लोगों के गुस्से को देखते हुए पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों के 400 जवानों की तैनाती की गई। इससे पहले जाम लगा रहे लोगों को समझाने के लिए पुलिस के कई आला अफसर मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर लोगों को हाईवे से हटाया। पुलिस ने बच्चों के शवों को एंबुलेंस से उनके घर पर पहुंचा दिया।
मजबूरी में कर रहे हैं विरोध
फरीदाबाद के सुनपेड गांव में जलाए गए बच्चों के पिता जितेंद्र ने आरोप लगाया कि उन्हें अभी तक प्रशासन से किसी तरह का कोई आश्वासन नहीं मिला है। इस कारण वे विरोध को मजबूर हैं। पीड़ित परिवार के मांग है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। बच्चों की दादी ने दोषियों को फांसी दिए जाने की मांग की है।
क्या है विवाद की वजह?
इस गांव में पिछले एक साल से तनाव है। दलितों और दूसरी जाति के लोगों के बीच झगड़ा मोबाइल को लेकर शुरू हुआ। 5 अक्टूबर 2014 को अपर कास्ट के तीन युवकों की हत्या कर दी गई। तब दलित परिवार पर हत्या का आरोप लगा था। पुलिस ने 11 को गिरफ्तार किया था। दलितों को डर था कि दबंग पूरी जाति से बदला लेंगे। लिहाजा, बाकी दलित परिवार गांव छोड़ कर चले गए। जितेंद्र भी उन्हीं में से था। मामला एससी-एसटी आयोग में गया। आयोग ने फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर से इन परिवारों को दी जाने वाली सुरक्षा के बारे में पूछा। पिछले साल दिसंबर में कमिश्नर ने लिखित में कहा कि जितेंद्र के घर के पास एक पुलिस जिप्सी, आधा दर्जन हथियारबंद जवान और दो बाइक सवार जवान तैनात रहेंगे। एसएचओ खास निगरानी भी करेंगे। इस भरोसे के बाद जितेंद्र और उसका परिवार इस साल जनवरी में गांव लौटा था।
 

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