धोनी ने किया 10 साल बाद खुलासा, कैसे मिली थी 2007 में कप्तानी

नई दिल्ली। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी कप्तानी में तमाम कामयाबियां अपने नाम की. उन्हें जब टीम इंडिया की कप्तानी सौंपी गई, उस समय हालात इतने आसान नहीं थे. टीम इंडिया का वेस्ट इंडीज में हुए पहले विश्वकप में बहुत बुरा प्रदर्शन रहा था. इसके बाद टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने अपने आपको कप्तानी की दौड़ से अलग कर लिया था. ऐसे समय में धोनी को कप्तान बनाया गया था.
धोनी को टीम की कप्तानी कैसे मिली थी, इसका खुलासा अब खुद धोनी ने किया है. उनसे जब पूछा गया कि उन्हें टीम की कप्तानी कैसे मिली, जबकि उस समय टीम में उनसे कहीं सीनियर, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह और हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ी मौजूद थे. इस पर धोनी ने कहा कि सीनियर खिलाड़ियों ने उनका साथ दिया था. धोनी ने कहा, क्रिकेट को लेकर उनकी जानकारी और स्वभाव का भी इसमें काफी योगदान रहा.
धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने 2007 का टी-20 वर्ल्डकप खिताब अपने नाम किया था. इसके बाद उनके ही नेतृत्व में टीम इंडिया ने 2011 में आईसीसी वर्ल्डकप अपने नाम किया. 1983 के बाद टीम इंडिया ने ये कारनामा दूसरी बार किया था.
धोनी से पूछा गया कि 10 साल पहले उन्हें टीम की कप्तानी कैसे मिली थी तो उन्होंने कहा ‘उस समय सभी सीनियर खिलाड़ियों ने मेरा साथ दिया था. मुझे जब कप्तान बनाया गया तो उस समय हुई मीटिंग का हिस्सा नहीं था. लेकिन मेरा नजरिया पूछें तो मैं कहूंगा कि मेरी खेल के प्रति मेरी जानकारी भी इस रोल के लिए काफी मददगार रही.
धोनी ने आगे कहा कि गेम को पढ़ना काफी अहम होता है. हालांकि उस समय मैं एक युवा खिलाड़ी था. जब एक सीनियर खिलाड़ी ने मेरी राय पूछी तो मैंने खुलकर अपनी राय दी. शायद ये भी कारण रहा कि टीम के बाकी खिलाड़ियों के साथ मेरे अच्छे संबंध थे. धोनी ने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को आईसीसी के तीनों खिताब दिलाए.
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