नई करेंसी की बरामदगी के पीछे प्रधानमंत्री दफ्तर की अहम भूमिका

modi-and-new-noteनई दिल्ली। नोटबंदी को शुरू हुए लगभग दो महीने होने वाले हैं। 8 नवंबर को पीएम मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। उसके बाद से काला धन रखने वालों के बीच हाहाकार मचा गया था। काले धन की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने नोटबंदी का फैसला किया था। हालांकि बाद में सरकार के कई बयानों से लगा कि नोटबंदी का असल उद्देश्य कुछ और ही है। फिलहाल नोटबंदी के बाद जहां पुरानी करेंसी बैंक में जमा हो रही है, तो वहीं नई करेंसी का भी भंडारण शुरू हो गया है। लेकिन उसके बाद भी लगातार नई करेंसी बरामद हो रही है। देश की जनता हैरान है कि आखिर आयकर विभाग को कैसे पता चल जाता है कि किस के पास नई करेंसी में करोड़ों रूपये हैं। इस सवाल का जवाब भी पीएम मोदी के पास ही है।

बता दें कि नोटबंदी के बाद इनकम टैक्स विभाग की सक्रियता काफी ज्यादा बढ़ गई है। पूरे देश में लगातार छापेमारी हो रही है। आए दिन नई करेंसी में करोड़ों रुपये पकड़े जा रहे हैं। इसी के साथ फिर से ये चर्चा और बहस शुरू हो गई है कि नई करेंसी यानि 2000 और 500 के नए नोट में कुछ तो ऐसा है जिसके कारण इनकी लोकेशन के बारे में पता चल जाता है। लेकिन अब खबर आ रही है कि नई करेंसी की बरामदगी के पीछे प्रधानमंत्री दफ्तर की अहम भूमिका है। ये भी कहा जा रहा है कि आयकर विभाग पीएमओ से मिली सूचना के आधार पर ही ज्यादातर छापेमारी कर रहा है। यानि काले धन के खिलाफ पीएमओ पूरी तरह से सक्रिय है। जिसके कारण पूरे देश से नई करेंसी पकड़ी जा रही है।

यहां पर आपको ये बता दें कि नई करेंसी में ऐसा कुछ नहीं लगा है जिसके कारण उसकी लोकेशन के बारे में पता चल सके। सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। नए नोटों में किसी भी तरह का कोई चिप या फिर रेडियो एक्टिव  पदार्थ नहीं है। नई करेंसी को लेकर अगर पीएम मोदी और उनका ऑफिस सक्रिय है तो इसका कारण है जनता की जागरूकता। 8 नवंबर के बाद से रोज लगभग 15 से 20 फीन कॉल पीएमओ में आ रहे हैं। इन फोन कॉल्स के जरिए आम जनता ही काले धन को छुपाने वालों या फिर पुरानी करेंसी को ठिकाने लगाने वालों के बारे में जानकारी दे रही है। ज्यादातर लोग गंभीर खबरें पीएमओ के साथ शेयर कर रहे हैं। जनता सीधे काला धन रखने वालों के नाम बता रही या फिर काला धन रखने के ठिकानों के बारे में जानकारी दे रही है।

बता दें कि 8 नवंबर के बाद से इस तरह की लगभग 600 फोन कॉल्स पीएमओ में आ चुकी हैं। इस से पता चल रहा है कि काले धन को लेकर लोग पीएम मोदी पर भरोसा कर रहे हैं। सीधे उन तक काले धन की सूचना पहुंचा रहे हैं। जनता से आने वाली इन अहम जानकारियों को पीएमओ आयकर विभाग और दूसरी संस्थाओं को दे देता है। जिसके आधार पर छापेमारी की जाती है। बता दें कि नोटबंदी के बीद पीएम मोदी ने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया था। इस नंबर पर लोग काले धन की सूचना दे सकते हैं। सूचना देने के साथ ही पीएम मोदी के दफ्तर के संपर्क में भी रहते हैं। साफ है कि जनता काले धन को लेकर पीएम मोदी पर भरोसा कर रही है। वो उनकी मुहिम को सफल बनाने में अपना भी योगदान दे रही है।

 

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