नरेंद्र मोदी ने अरुण जेटली के बहाने ‘दामादवाद’ पर साधा निशाना

डोगरा पारखी थे, इसलिए जेटली को चुना, वर्ना दामाद क्या-क्या नहीं करते

resizemode-4,modiतहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली/जम्मू। पीएम नरेंद्र मोदी ने जम्मू में शुक्रवार को गिरधारी लाल डोगरा शताब्दी समारोह में दामादवाद पर निशाना साधा। मोदी ने कहा, ‘डोगरा साहब को व्यक्तियों की परख अच्छी रही होगी, जैसे उन्होंने गुलाम नबी जी को युवा मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया। वे बराबर नाप लेते रहते होंगे कि व्यक्ति ठीक है या नहीं और उसका उदाहरण है जो उन्होंने दामाद चुने।’
उन्होंने कहा, ‘वरना अरुण जेटली की विचारधारा और डोगरा जी की विचारधारा का कोई मेल नहीं थी। लेकिन इनकी विशेषता है कि दामाद, ससुर के कारण और ससुर, दामाद के कारण नहीं जाने जाते।’ पीएम का कहना था, ‘डोगरा जी आज होते तो हमारा विरोध करते, शायद अपने दामाद का भी करते।’ उन्होंने बिना किसी का नाम लिएआगे कहा, ‘अरुण जेटली ने अपने ससुर के नाम का सहारा नहीं लिया, आप जानते हैं कि दामाद आजकल क्या-क्या करते हैं।’ मोदी ने गिरधारी लाल डोगरा के बारे में कहा कि राजनीति का दुर्भाग्य ऐसा है कि मरने के बाद बहुत कम राजनेता जीवित रहते हैं, गिरधारी लाल भी ऐसे ही राजनेता थे। सार्वजनिक जीवन में मर्यादा के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम किस दल के हैं, किस विचाराधारा के हैं, इससे सार्वजनिक जीवन नहीं चलता है, राजनीति में छुआछूत नहीं होता, बल्कि देश के लिए मरने जीने वालों का सम्मान होता है। हम जो बाद की पीढ़ी के लोग हैं, उनका दायित्व है कि हम अपनी विरासत को बंटने नहीं दें। इसमें भेदभाव, छुआछूत न करें, सभी महापुरुषों का सम्मान करें।’ उन्होंने कहा, ‘आज के राजनीतिक जीवन के लिए यह संदेश है । किसी भी नेता का शताब्दी वर्ष मनाना ऐसा संदेश है, जो आज नजर नहीं आता है। गिरधारी लाल जी ने जीवन में पल-पल मर्यादाओं का पालन किया।’ परिवारवाद पर चोट करते हुए मोदी ने कहा, ‘मैंने राजनीतिक से जुडी उनकी (गिरधारी लाल) जितनी तस्वीर देखी है, उसमें उनके परिवार का एक भी व्यक्ति नजर नहीं आया। इतने लंबे समय तक सार्वजनिक जीवन और सत्ता के गलियारे में रहने तथा देश के शुरुआती सभी प्रधानमंत्रियों से निकट संबंध होने के बाद भी एक भी तस्वीर में परिवार का कोई सदस्य नजर नहीं आया। सिर्फ अंत्येष्टि की तस्वीर में परिवार के सदस्य थे।’ मोदी ने कहा कि गिरधारी लाल सार्वजनिक जीवन में देशभक्ति की प्रेरणा से आए थे। उन्होंने कहा, ‘वे तब आए थे, जब लेना, पाना, बनना कोई मायने नहीं रखता था।’ उन्होंने कहा कि गिरधारी लाल जम्मू कश्मीर के कद्दावर नेता थे जिन्होंने वहां के वित्त मंत्री के रूप में 26 बार बजट पेश किया। ऐसा मौका उस व्यक्ति को ही मिलता है जिसका राजनीतिक जीवन सभी के समक्ष स्वीकृत और पारदर्शी हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आज दो या तीन पीढि़यां ऐसी होंगी जो यह कहती हैं कि उन्हें गिरधारी लाल जी का अंगुली पकडकर चलने का मौका मिला। उन्होंने कार्यकर्ताओं की ऐसी परंपरा तैयार की जो आगे चलकर स्वच्छ राजनीति के पथ पर आगे बढ़े। समारोह में जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह, गुलाम नबी आजाद आदि मौजूद थे।

 

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