पंजाब आतंकी हमला: मरने का नाटक कर बचा ली जान

Gurdaspur3नई दिल्ली/गुरदासपुर। गुरदासपुर पर सोमवार को हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने जिस मारुति 800 का इस्तेमाल किया था, उस कार के मालिक ने अपनी जान बचाने के लिए मरने का नाटक किया था। सोमवार तड़के सुबह पहले तो आतंकियों ने एक ऑटो छीनने की कोशिश की, लेकिन नाकाम होने पर उन्होंने वहां से गुजर रही एक बस पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं।
इसके बाद, उन्होंने एक मारुति 800 को रोककर उसके मालिक को गोली मारी। कार के मालिक कमलजीत सिंह को हालांकि गोली लगी थी, लेकिन वह मरे नहीं थे। अपनी जान बचाने के लिए उन्होंने मरने का नाटक किया और आतंकियों ने उन्हें मरा हुआ समझ कर गाड़ी से बाहर फेंक दिया। इसके बाद, आतंकी उसी मारुति 800 से गुरदासपुर पुलिस थाने पहुंचे थे। कोटली के एक हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कमलजीत सिंह को कंधे और हाथ पर गोली लगी है। एक अखबार से बातचीत में उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह 5 बजे के तुरंत बाद ही वह अपनी कार घर से निकाल कर बाहर सड़क पर आए थे। वह एक रेस्तरां चलाते हैं और इसी के लिए सब्जी खरीदने उन्हें बाजार जाना था। उन्होंने 3 लोगों को सेना की वर्दी में अपनी गराज के ऊल्टी तरफ देखा। उनकी कार वहीं पर खड़ी थी। उन्होंने बताया कि गुरदासपुर के जिस पुलिस थाने पर आतंकी हमला हुआ वह उनके घर से लगभग 250 मीटर की दूरी पर स्थित है। आतंकियों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उनमें से किसी के भी दाढ़ी नहीं थी। उन तीनों ने बिना एक भी शब्द बोले उन्हें कार रोकने का इशारा किया। वे तीनों दिखने में अलग लग रहे थे और इसलिए उन्हें कुछ अटपटा लगा। कमलजीत ने शक होने के कारण कार को उल्टी दिशा में मोड़ने की कोशिश की, लेकिन आतंकियों ने उनपर और उनकी कार पर लगातार गोलियां चलाने की कोशिश की। कमलजीत ने बताया कि ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं। उन्हें बहुत डर लग रहा था और वह सोच रहे थे कि शायद गोली लगने के कारण वह मर जाएंगे। ऐसे में, उन्होंने मरने का नाटक किया। उन्होंने अपनी सांस रोक ली और पहिए की ओर गिर गए। वह बताते हैं कि हालांकि गोली लगने के कारण उन्हें बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन फिर भी उन्होंने कोशिश की कि वह कोई भी हरकत न करें। ऐसे में, कमलजीत को देखकर आतंकियों ने उन्हें मरा हुआ समझ लिया और उन्हें उठाकर कार से बाहर फेंक दिया। बाद में, आतंकी बड़ी तेजी से गाड़ी चलाते हुए वहां से चले गए। कमलजीत बताते हैं कि आतंकियों के वहां से जाने के बाद उन्होंने अपने पैरों पर उठकर खड़े होने की कोशिश की, लेकिन वह उठ नहीं सके और बेहोश हो गए। बाद में, किसी ने उनके बड़े भाई को कमलजीत के बारे में बताया। कमलजीत के बड़े भाई सी. एस. मठारू ने बताया कि जब वह अपने भाई के बारे में जानने के बाद वहां पहुंचे तो उन्होंने कमलजीत को खून से लथपथ देखा। वह कमलजीत को लेकर पास के एक हॉस्पिटल में ले गए, लेकिन हॉस्पिटल वालों ने उनसे किसी बड़े अस्पताल जाने को कहा। इसके बाद वह कमलजीत को कोटली के चौहान मेडिसिटी में लेकर आए। यहां डॉक्टरों ने बताया कि कमलजीत खतरे से बाहर हैं और उन्हें कंधे और हाथ पर गोली लगी है। इसी हॉस्पिटल में 2 अन्य घायल भर्ती हैं- जरनैल सिंह और अपजीत सिंह। ये दोनों टाटा कम्यूनिकेशन के लिए काम करते हैं। जिस समय आतंकियों ने हमला किया था उस समय ये दोनों पुलिस स्टेशन के पास ही एक खराब तार की मरम्मत कर रहे थे। डॉक्टरों ने बताया कि जरनैल की हालत गंभीर बनी हुई है।

 

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