पशु बिक्री बैन पर बवाल: ममता बनर्जी की केंद्र को चुनौती, DMK भी करेगी प्रदर्शन

कोलकाता/चेन्नै। पशु बाजारों में कत्ल के लिए जानवरों की खरीद-फरोख्त पर लगाई गई रोक का देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध हो रहा है। कांग्रेस और लेफ्ट के बाद सोमवार को पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु में डीएमके ने सरकार पर हमला बोला। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस प्रतिबंध का विरोध करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है। उन्होंने पूछा कि क्या केंद्र सरकार चाहती है कि लोग गायों को ताले में बंद करके रखें? ममता ने सरकार के इस आदेश की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि रमजान के महीने में ही यह फैसला क्यों लिया गया। उन्होंने इस पर कोर्ट जाने की चेतावनी दी है।

पशु बाजारों में वध के लिए मवेशियों की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने से जुड़े केंद्र के नोटिफिकेशन पर ममता बनर्जी ने तीखा हमला बोला। केंद्र पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, ‘यह सरकार अब गाय के दूध पर भी बैन लगाएगी…हम सभी गो माता को पसंद करते हैं लेकिन समस्या से निपटने का यह तरीका नहीं है।’ उन्होंने पूछा कि क्या गायों को ताले में बंद करके रखा जाए?

ममता बनर्जी ने कहा कि इस बैन से किसानों पर बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘हम पशुओं को उत्तर प्रदेश और बिहार से खरीदते हैं और बांग्लादेश को निर्यात करते हैं। इस बैन से किसानों पर बुरी मार पड़ने वाली है।’

ममत बनर्जी ने केंद्र सरकार के वध के लिए गोवंश बिक्री पर बैन संबंधित फैसले का विरोध करते हुए कहा, ‘न तो हम इसे स्वीकार करने वाले हैं और न ही हम इसके लिए बाध्य हैं। यह असंवैधानिक है। यह ऐसी सरकार है जो गाय के लिए आधार कार्ड चाहती है। क्या खाना है क्या नहीं, यह सरकार निर्धारित नहीं करेगी…हम इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।’

Decision to ban sale of cattle for slaughter deliberate attempt to encroach into state power; it’s undemocratic, unethical: Mamata Banerjee

ममता बनर्जी ने कहा कि सरकारें आती हैं और जाती हैं लेकिन आप लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के साथ नहीं खेल सकते। उन्होंने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगी। ममता ने कहा कि मोदी सरकार का यह फैसला राज्य की शक्तियों में केंद्र का सीधा दखल है जो अलोकतांत्रिक होने के साथ-साथ अनैतिक भी है।

उधर, दक्षिण भारत के राज्यों में भी इस फैसले का विरोध हो रहा है। डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन प्रतिबंध के खिलाफ 31 मई को चेन्नै में प्रदर्शन करेंगे। डीएमके ने इस मुद्दे पर चुप्पी के लिए पलनीसामी सरकार पर भी हमला बोला है। मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए पार्टी ने एक बयान जारी कर कहा कि कड़े प्रतिबंधों के चलते तमिलनाडु के एंथियुर मवेशी बाजार में बिजनस प्रभावित हुआ है ।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button