बसपा के बागी इन्द्रजीत सरोज साथियों के साथ अखिलेश की साइकिल पर

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अघोषित दो खेमों में आज अलग-अलग हलचल रही. एक ओर समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने जहाँ लोहिया ट्रस्ट की बैठक में उनसे (मुलायम सिंह यादव से) ज्यादा भतीजे अखिलेश पर मुहब्बत जताने वाले अपने भाई राम गोपाल यादव को सचिव पद से हटा कर दूसरे भाई शिवपाल यादव को सचिव बना दिया वहीँ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी के बागी नेता इन्द्रजीत सरोज को उनके साथियों के साथ हाथी से उतारते हुए अपनी साइकिल पर बैठा लिया.
इन्द्रजीत सरोज ने गुरुवार को लखनऊ में अपने समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया. समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने के बाद सरोज ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी में बोलने की आजादी नहीं थी. यहां कम से बोलने और बैठने की आजादी है.
इंद्रजीत सरोज ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए आगे कहा, ‘बसपा में उसी तरह अघोषित इमरजेंसी है, जैसे मोदी की सरकार में है. मुझ पर बीजेपी और कांग्रेस में जाने का प्रेशर था. मैं झूठों की पार्टी भारतीय जनता पार्टी में जाने को तैयार नहीं था.
उन्होंने अखिलेश यादव की प्रशंसा करते हुए कहा कि 5 साल अपने विधानसभा में मैंने देखा कि अखिलेश प्रगतिशील विचारों के व्यक्ति हैं, जबकि योगी ने छह महीने की उपलब्धि में कुछ नहीं किया और न दिखा पाए.
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