बाबासाहेब पुरंदरे को हाथ भी लगा, तो महाराष्ट्र में तांडव करूंगा : राज ठाकरे

तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि शहनाज़ परवीन
मुंबई। महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार कानून विवाद के साथ-साथ अब जातिवाद का भी रंग लेता जा रहा है। मनसे अध्यक्ष ने दो टूक लहजे में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार पर जातिवाद की गंदी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा,‘याद रखो, बाबासाहेब पुरंदरे को हाथ भी लगा,तो महाराष्ट्र में तांडव करूंगा।’ राज के इस धमकी भरे बयान पर राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि वे मनसे अध्यक्ष के बयान को महत्व ही नहीं देते हैं।
मुख्यमंत्री फडणवीस ब्राह्मण हैं, इसलिए यह विवाद खड़ा किया जा रहा
इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे को बुधवार को राजभवन में ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार से सम्मानित किया जाने वाला है। सामाजिक कार्यकर्ता पदमाकर कांबले और राहुल पोकले ने पुरंदरे को पुरस्कार दिये जाने के खिलाफ मुंबई हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल किया है। जिस पर बुधवार को अदालत में सुनवाई होने की संभावना है। इसके अलावा राकांपा सुप्रीमो शरद पवार सहित महाराष्ट्र के कई प्रतिष्ठित लोगों ने भी पुरंदरे को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार दिये जाने का विरोध किया है।
पवार के इसी विरोध का मंगलवार को मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने अपने निवासस्थान कृष्णकुंज पर प्रेस कांफ्रेंस लेकर धमकी भरे शब्दों में जवाब दिया है। उन्होंने कहा,‘ राकांपा के साथ भाजपा के कुछ मंत्रियों ने मिलकर यह पूरा विवाद खड़ा किया है। पवार के साथ विवाद खड़ा करने में भाजपा के कौन-कौन से नेता शामिल है। मुझे इसकी जानकारी है, मगर इस वक्त मैं उनका नाम सार्वजनिक नहीं करूंगा। देवेंद्र फडणवीस ज्युनियर हैं। वे ब्राह्मण हैं और जब से मुख्यमंत्री बनें हैं, तभी से महाराष्ट्र की राजनीति में पवार जातिवाद का जहर घोल रहे हैं।’
राज ठाकरे ने शरद पवार से पूछा सवाल
मनसे अध्यक्ष ने पुरंदरे का समर्थन करते हुए राकांपा सुप्रीमो शरद पवार से कुछ सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि पुरंदरे के शिवाजी महाराज के ‘शिवचरित्र’ में जीजामाता का अपमान होने का साक्षात्कार अब 50 साल बाद कैसे हुआ? अतीत में पवार खुद पुरंदरे का स्वागत कर चुके हैं। इतना ही नहीं जब उन्हें महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार दिये जाने की घोषणा हुई, तब पवार की बेटी सांसद सुप्रिया सुले ने उन्हें बधाई दी थी। पवार के भतीजे अजित पवार भी पुरंदरे का आदर करते हैं।
एेसे में अब अचानक बाबासाहेब पुरंदरे के बारे में अलग भूमिका क्यों अपनाई जा रही है? राज ने कहा कि पवार की गंदी राजनीति की वजह से राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड में पुरंदरे का विरोध करने की हिम्मत आई है। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित भालचंद्र नेमाडे को भी खरी-खरी सुनाते हुए उन्होंने कहा कि नेमाडे को ज्ञानपीठ पुरस्कार देते वक्त भी विरोध हुआ था। इसके बावजूद उन्होंने पुरस्कार स्वीकारा। मनसे अध्यक्ष ने कहा कि ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद आचरण कैसा होना चाहिए? कैसे व्यवहार करना चाहिए? यह चीज नेमाडे को कुसुमाग्रज और विंदा के आचरण से सिखना चाहिए।
राज ठाकरे को महत्व नहीं देता : पवार
राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने नपे-तुले शब्दों में राज ठाकरे पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा,‘राज ठाकरे किसके बारे में क्या बोले यह उनका प्रश्न है? वे क्या बोलते हैं। उसे मैं महत्व नहीं देता। आज भी बहुत से लोगों को प्रसिद्धी हासिल करने के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल करना पड़ता है।’ उन्होंने कहा कि पुरंदरे को लेकर जो कुछ भी चल रहा है, वह अब रूकना चाहिए। ऐसा मुझे लगता है। बता दें कि इससे पहले मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा था कि पवार जातिवाद की गंदी राजनीति कर रहे हैं। महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री ब्राह्मण व्यक्ति बना है। इस बात को लेकर पवार के पेट में दर्द है।
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