बिहार चुनाव बाद बदल सकते हैं अखिलेश के मंत्री, मुलायम ने जताई थी नाराजगी

लखनऊ। बिहार चुनाव के बाद यूपी सरकार के तमाम विभागों को संभाल रहे मंत्री बदले जा सकते हैं। खुद सीएम अखिलेश यादव ने ये संकेत दिए हैं। मंगलवार को अखिलेश ने पत्रकारों से कहा, “बिहार चुनाव तक तो इंतजार कर लीजिए।” बताते चलें कि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव पहले कई बार कह चुके हैं कि यूपी के तमाम मंत्री ठीक से कामकाज नहीं कर रहे हैं। मुलायम ने तो सार्वजनिक तौर पर अखिलेश को ये तक कहा था कि वह चरण वंदना करने वालों को पहचानें और उनसे दूरी बनाएं।
सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल में फेरबदल होने पर अति पिछड़ी जाति का प्रतिनिधित्व सरकार में बढ़ सकता है। एक-दो ब्राह्मण मंत्रियों की भी छुट्टी होनी तय मानी जा रही है। यूपी में विधानसभा की संख्या के आधार पर 59 मंत्री बनाए जा सकते हैं। फिलहाल 26 कैबिनेट, 24 राज्य मंत्री और स्वतंत्र प्रभार के चार मंत्रियों समेत अखिलेश सरकार के कुनबे में 54 मंत्री हैं।
चुनाव नतीजों का इंतजार क्यों?
दरअसल सपा की रणनीति ये है कि आठ नवंबर को बिहार चुनाव का नतीजा आ जाएगा। उससे पहले सूबे में जिला और क्षेत्र पंचायत चुनावों के नतीजे भी घोषित हो जाएंगे। ये सारे नतीजे बता देंगे कि किस मंत्री की अपने क्षेत्र में कितनी पैठ है या बिहार में सपा को दमदार बनाने के लिए कितना काम किया गया है। सारे नतीजे ये भी बता देंगे कि जनता में उनकी पैठ कितनी है।
किन पर लटक रही तलवार?
सूत्रों के मुताबिक बीते दिनों एक स्टिंग ऑपरेशन में फंसने वाले पारस नाथ यादव का मंत्रीपद छिन सकता है। वहीं, बलराम यादव, मनोज पांडेय, ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी, गायत्री प्रजापति और अंबिका चौधरी का नाम भी हटाए जाने वालों की लिस्ट में शामिल हो सकता है। बताया जा रहा है कि अंबिका, मनोज और बलराम यादव से मुलायम नाराज चल रहे हैं। बता दें कि बलराम और अंबिका चौधरी का पहले विभाग भी बदला गया था।
कौन-कौन बन सकता है मंत्री?
सूत्रों के मुताबिक मंत्री बनने की दौड़ में कई चेहरे शामिल हैं। इनमें अशोक वाजपेयी भी हैं। वहीं, अल्पसंख्यक समुदाय से शादाब फातिमा या गजाला लारी में से किसी को लालबत्ती मिल सकती है। इसके अलावा अरविंद सिंह गोप को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल सकता है। अभी गोप राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं। सपा के एमएलसी एसआरएस यादव और एमएलसी आशु मलिक को भी लालबत्ती से नवाजा जा सकता है।
मुलायम से की गई थी शिकायतें
सूत्रों के मुताबिक कई मंत्रियों की लगातार शिकायत कार्यकर्ता और विधायक करते रहे हैं। मंत्रियों के बारे में उनका कहना था कि वे इलाकाई समस्याओं को सुलझाने की दिशा में कोई रुचि नहीं लेते हैं। खुद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह भी पार्टी की तमाम हाई लेवल मीटिंगों में ये बात कह चुके थे।
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