बिहार में 12 अक्टूबर से 5 नवंबर तक पांच चरण में वोटिंग, काउंटिंग 8 को
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नई दिल्ली। बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का बुधवार को एलान हो गया। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी की आेर से की गई घोषणा के बाद मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू हो गया। जैदी के मुताबिक, पांच चरणों में चुनाव होंगे।
वोटिंग
चरण | तारीख | विधानसभा सीटें |
पहला | 12 अक्टूबर | 49 सीटें |
दूसरा | 16 अक्टूबर | 32 सीटें |
तीसरा | 28 अक्टूबर | 50 सीटें |
चौथा | 1 नवंबर | 55 सीटें |
पांचवां | 5 नवंबर | 57 सीटें |
काउंटिंग
आठ नवंबर को होंगे। चुनाव प्रक्रिया 12 नवंबर तक पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
चुनाव आयोग के अहम एलान
>कमीशन ने खास तैयारियां की हैं। सिक्युरिटी और त्योहार की तारीखों को ध्यान में रखकर ये तैयारियां की गई हैं।
>सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्सेज की तैनाती। सुरक्षा बेहद कड़ी होगी। घुड़सवार पुलिस, हेलिकॉप्टर्स और स्पेशल बोट्स से निगरानी।
>लाइसेंसी हथियारों को इकट्ठा करने के लिए स्पेशल कमेटियां बनाई गई हैं। असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
>पैसों के गलत इस्तेमाल पर रोक लगाने को लेकर खास तैयारी। पेड न्यूज और शराब के इस्तेमाल के रोकथाम की खास तैयारी।
>कोशिश रहेगी कि मतदान का रिकॉर्ड टूटे। एक नाम वाले कैंडिडेट्स की वजह से होने वाली गलतफहमी को दूर करने के लिए इस बार ईवीएम पर उनकी फोटोज भी होंगी।
>हर विधानसभा क्षेत्र में दो मॉडल मतदान केंद्र होंगे। मॉडल मतदान केंद्र के जरिए वोटिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी।
>चुनाव आयोग का भी कोई सदस्य अगर गलत काम करते पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अन्य अहम आंकड़े
>6.68 करोड़ वोटर्स बिहार में
>243 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव
>38 सीटें अनुसूचित जाति के लोगों के लिए
>47 सीटें नक्सल प्रभावित
>38 में से 29 जिले नक्सल प्रभावित
>243 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव
>38 सीटें अनुसूचित जाति के लोगों के लिए
>47 सीटें नक्सल प्रभावित
>38 में से 29 जिले नक्सल प्रभावित
इस बार कड़ा मुकाबला
चुनाव में एक तरफ एनडीए है तो दूसरी तरफ जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस का ग्रैंड अलायंस (जिससे सपा और राकांपा बाहर हो चुकी है) है। एनडीए पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा। रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी और जीतनराम मांझी का हिंदुस्तान आवाम मोर्चा एनडीए में शामिल है। वहीं, मोदी विरोधी खेमे के नेता मौजूदा सीएम नीतीश कुमार हैं। इस अलायंस में दूसरे अहम नेता लालू प्रसाद हैं।
पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में किसने दिखाया कितना दम?
पार्टी
|
पिछले विधानसभा चुनाव में सीटें
|
वोट पर्सेंट
|
2014 लोकसभा चुनाव में सीटें
|
वोट पर्सेंट
|
बीजेपी
|
91
|
16.5
|
22
|
29.9
|
जेडीयू
|
115
|
22.6
|
2
|
16
|
एलजेपी
|
3
|
6.75
|
6
|
6.5
|
आरजेडी
|
22
|
18.8
|
4
|
20.5
|
बीएलएसपी
|
—
|
—
|
3
|
3.1
|
कांग्रेस
|
4
|
8.4
|
2
|
8.6
|
अन्य
|
8
|
26.95
|
3
|
15.4
|
कुल सीटें
|
243
|
—
|
40
|
—
|
मोदी v/s नीतीश
मोदी
|
नीतीश
|
मजबूत नेता की इमेज।
|
बिहार में डेवलपमेंट का क्रेडिट।
|
अपर कास्ट वोटरों में पकड़।
|
ओबीसी और मुस्लिम वोटरों में पकड़।
|
चुनाव के वक्त केंद्र में सरकार में।
|
चुनाव के वक्त बिहार में सीएम।
|
पासवान बड़े सहयाेगी।
|
लालू बड़े साथी।
|
मांझी-पासवान के बीच तालमेल बड़ी चुनौती।
|
जदयू-आरजेडी में बगावत रोकना बड़ी चुनौती।
|
बिहार चुनाव में ये चार बातें होंगी पहली बार
1. 25 साल बाद नीतीश-लालू साथ
नीतीश कुमार और लालू प्रसाद 1990 के बाद पहली बार मिलकर लड़ेंगे चुनाव। 25 साल पहले दोनों नेताओं ने एक साथ चुनाव लड़ा था। नीतीश ने 1993 में जनता दल से अलग होकर समता पार्टी बना ली थी। 1997 में लालू ने राजद का गठन किया।
2. लालू की तरफ से कोई सीएम कैंडिडेट नहीं
1990 के बाद पहली बार लालू या उनके परिवार का कोई मेंबर सीएम पद का दावेदार नहीं है। जबकि इससे पहले 1997 तक लालू खुद और बाद के चुनाव में राबड़ी देवी सीएम कैंडिडेट रहीं।
3. जेडीयू और कांग्रेस मिलकर लड़ेंगे चुनाव
नीतीश कुमार कांग्रेस के साथ मिलकर पहली बार चुनाव लड़ेंगे। लोकसभा चुनाव से पहले जेडीयू के बीजेपी से अलग होने के बाद से दोनों के बीच करीबी बढ़ी थी।
4. लोकसभा चुनाव का इफेक्ट : खुद के बूते सरकार बनाने की कोशिश में बीजेपी
पहली बार ऐसा हुआ है जब बीजेपी ने चुनाव की तारीखों का एलान होने से पहले ही अपनी अगुवाई में सरकार बनाने का दावा किया है। पिछली बार उसने जेडीयू के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। बीजेपी को 91 सीटें मिली थीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अच्छा परफॉर्मेंस दिया। अकेले बीजेपी को 22 सीटें मिलीं। वहीं, एनडीए को 40 में से 31 सीटें मिलीं।
इन 5 मुद्दों पर होंगे चुनाव
1. मोदी सरकार का ज़ीरो करप्शन का दावा
नरेंद्र मोदी सरकार की सबसे बड़ी अचीवमेंट-कैबिनेट स्तर पर भ्रष्टाचार का अब तक कोई आरोप नहीं। बिहार में राजग की सरकार बनेगी तो वह भी साफ-सुथरी होगी। ऐसा दावा और वादा एनडीए कर सकता है।
2. नीतीश की इमेज
मौजूदा सीएम नीतीश कुमार अपनी साफ-सुथरी छवि और अपनी सरकार के बेहतर गवर्नेंस-डेवलपमेंट का बेहतर रिकॉर्ड जनता के सामने रखेंगे।
3. केंद्र से मदद
मोदी जहां यह बताएंगे कि उन्होंने बिहार कितना बड़ा पैकेज दिया है, वहीं नीतीश यह दावा करेंगे कि मोदी सरकार पुरानी मदद को ही नया बताकर पेश कर रही है।
4. गवर्नेंस का सवाल
बीजेपी यह मुद्दा उठाएगी कि नीतीश कुमार अगर बिहार में जंगल राज के लिए चर्चित लालू प्रसाद की पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे तो अच्छा गवर्नेंस कैसे दे पाएंगे?
5. बिहार-केंद्र में हो एक ही पार्टी का राज
एनडीए यह मुद्दा उठाएगा कि बिहार में भी उसी की सरकार बननी चाहिए जिसकी सरकार केंद्र में है। इससे आपसी तालमेल के जरिए डेवलपमेंट करना आसान हो जाता है।
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