बेटी के मर्डर की आरोपी इंद्राणी हुईं बेहोश, नींद की गोलियां खाने का शक

indani01तहलका एक्सप्रेस

मुंबई। हाईप्रोफाइल शीना बोरा मर्डर केस की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी शहर के जेजे अस्पताल में बेहोश हो गई हैं। इंद्राणी को सीने में दर्द की शिकायत के बाद शुक्रवार को भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों को शक है कि इंद्राणी ने नींद की कई गोलियां खा ली हैं। उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। इंद्राणी को बेटी शीना के मर्डर के मामले में मुंबई पुलिस ने अरेस्ट किया था। पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद फिलहाल इंद्राणी जेल में हैं। महाराष्ट्र सरकार ने शीना बोरा के मर्डर की जांच सीबीआई को सौंप दी है।

तीन दिन पहले ही सीबीआई ने शीना बोरा केस में नई एफआईआर दर्ज की थी। इंद्राणी मुखर्जी, पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर श्याम राय के खिलाफ मर्डर, किडनैपिंग, आपराधिक साजिश, सबूत मिटाने और आर्म्स की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई ने केस की नए सिरे से जांच शुरू कर दी है।
क्या है मामला?
पुलिक के मुताबिक शीना बोरा का मर्डर इंद्राणी, उनके पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर ने किया था। 24 अप्रैल 2012 को इंद्राणी ने अपनी बेटी शीना को फोन करके नेशनल कॉलेज बुलाया। शीना उस समय पीटर मुखर्जी के बेटे और अपने सौतेले भाई राहुल मुखर्जी के साथ लिव-इन में रह रही थी। मां का फोन आने के बाद शीना को छोड़ने के लिए राहुल ही गया। राहुल उसे छोड़कर चला गया। इसके बाद इंद्राणी ने शीना को कार में बैठने के लिए कहा। उस समय कार में उसके साथ ड्राइवर और पूर्व पति संजीव खन्ना भी थे। जब शीना ने कार में बैठने से मना किया तो इन लोगों ने उसे जबरन कार में बिठाया। कार में ही हुई कहासुनी के बाद तीनों ने उसका गला दबाकर मार डाला। इसके बाद शीना के शव को कार में रखकर इंद्राणी घर आ गई। जिस कार में शव रखा था वो रात भर उसके गैराज में रही। अगली सुबह 25 अप्रैल को एक बार फिर हत्या के तीनों आरोपी इकट्ठा हुए। शव को लेकर रायगढ़ के जंगलों में गए। जहां पहले शव को पेट्रोल डालकर जलाया गया और उसके बाद उसे वहीं दफना दिया गया।
कौन थी शीना ?
इंद्राणी मुखर्जी के बेटी शीना का जन्म 1988 में गुवाहाटी में हुआ। शीना ने अपने स्कूल की पढ़ाई गुवाहाटी के डिज्नीलैंड हाईस्कूल से की। इसके बाद वो अपनी मां के साथ मुंबई आ गई। यहां इंद्राणी ने अपने पति पीटर मुखर्जी को बताया कि वो उनकी बहन है। मुंबई आने के बाद शीना अपनी मां इंद्राणी के घर के पास ही पीजी में रहने लगी। शीना की सेंट जेवियर कॉलेज में एडमिशन के लिए पीटर मुखर्जी ने मदद की थी।
 

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