बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा-त्योहारों के दौरान पब्लिक प्लेस पर नाचना, गाना बंद हो

मुंबई। एक मामले में सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि त्योहारों के दौरान पब्लिक प्लेस पर संस्कारों के नाम पर होने वाला नाच-गाना बंद होना चाहिए। शुक्रवार को कोर्ट ने ‘मन रंगलो’ नाम की एक संस्था की तरफ दाखिल की गई याचिका खारिज करते हुए यह बात कही। संस्था ने कोर्ट से जूहू बीच पर छठ पूजा की परमिशन देने के लिए याचिका दाखिल की थी। गौरतलब है कि लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने संस्था को नॉइज पॉल्यूशन की शर्तों तोड़ने के साथ ही ट्रैफिक की परेशानी और दूसरी शर्तों का हवाला देते हुए परमिशन देने से इनकार कर दिया था।
पिछली बार रात भर बजे थे गाने
बॉम्बे हाईकोर्ट में दी गई याचिका के मुताबिक ‘मन रंगलो’ नाम की यह संस्था जूहू बीच पर छठ पूजा के लिए आने वाले लोगों के लिए सुविधाओं का इंतजाम करती है। संस्था छठ पूजा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पानी, शौचालय की सुविधा और ठहरने का इंतजाम करती है। पिछली बार संस्था को छठ पूजा के दौरान होने वाले आयोजन की अनुमति दी गई थी, लेकिन बताया जा रहा है कि ‘मन रंगलो’ ने इस दौरान जूहू बीच पर रातभर तेज आवाज में गाने बजाए थे। इस साल छठ पूजा अगले महीने नवंबर में मनाई जाएगी।
आयोजन के बाद 10 दिन तक फैला रहता है कचरा
जस्टिस एससी धर्माधिकारी ने ‘मन रंगलो’ की याचिका खारिज करते हुए कहा कि बीच और ग्राउंड्स पब्लिक प्रोपर्टीज हैं। इस तरह के आयोजनों से यह जगहें दो दिन के लिए बुक हो जाती हैं। इसके बाद अगले 10 दिनों तक लोग इन जगहों का इस्तेमाल नहीं कर पाते। जस्टिस धर्माधिकारी ने कहा, ‘हम धार्मिक त्योहारों और परंपराओं के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम सभी से इस बात की रिक्वेस्ट करते हैं कि त्योहारों की पवित्रता और संस्कार बनाए रखें। परंपराओं के नाम पर डांस और गाने को दूर ही रखें। इसलिए इस तरह के आयोजनों को रोका जाना चाहिए।’
‘घरों में मनाएं नवरात्र और गणेशोत्सव जैसे पर्व’
इससे पहले अगस्त 2015 में भी बॉम्बे हाईकोर्ट ने त्योहारों के दौरान होनेवाले नॉइज पॉल्यूशन पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि-अब समय आ गया है कि गणेशोत्सव व नवरात्र जैसे पर्व घरों में मनाए जाएं। आजकल गणेश मंडलों की ओर से करोडों रुपए वसूल किए जाते हैं और जो उसका अपने तरीके से इस्तेमाल करते हैं। आखिर इसका फायदा किसे मिल रहा है?’ मामला मुंबई के शिवाजी पार्क में जगन्नाथ रथ यात्रा के आयोजन की अनुमित से जुड़ा था। इस मामले में इंडियन एजुकेशन सोसायटी ने हाईकोर्ट में आवेदन किया था कि जहां यह आयोजन होना है वह शिवाजी पार्क शांत क्षेत्र में आता है इसलिए वहां पर किसी प्रकार के आयोजन की अनुमति न दी जाए। जिसपर नाराजगी जताते हुए न्यायमूर्ति वीएम कानडे व न्यायमूर्ति एस फनसालकर जोशी की बेंच ने कहा था कि सारे बिल्डरों ने मिलकर मुंबई शहर को अपने कब्जे में ले लिया है। शिवाजी पार्क के अलावा कहीं भी खुली जगह दिखाई नहीं देती है। कार्यक्रम तो होने चाहिए पर सवाल है कि कहां। लिहाजा अब समय आ गया है कि लोग गणेशोत्सव व नवरात्रोत्सव जैसे त्योहार अपने घरों में मनाएं।
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