भारत में दालों का अकाल, कनाडा के किसान मालामाल
नई दिल्ली। कनाडा में हर साल दाल की कीमतों में अमूमन कोई खास उछाल देखने को नहीं मिलता, लेकिन इस साल वहां भी दालों की कीमतों में खासा इजाफा देखने को मिल रहा है। इसकी वजह कनाडा में दाल की मांग बढ़ना नहीं, बल्कि भारत में लगातार पड़ रहे सूखे की वजह से दाल की पैदावार में होने वाली कमी है।
तीन दशक बाद भारत में लगातार तीन साल तक सूखे के संकट ने दलहन की कमी पैदा कर दी है। यहां तक कि भारत को विदेशों से आयात पर निर्भर होना पड़ रहा है। भारत में दाल की कमी ने कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, रूस और म्यांमार के किसानों को कमाई का मौका दिया है।
पश्चिमी कनाडा के किसान ली मोट्स बताते हैं कि इस साल वह लाल मसूर की दाल पिछले साल से 50 पर्सेंट ज्यादा दामों पर बेच रहे हैं। उनका कहना है कि वह अब भी अपनी कुछ फसल बचाकर रखने वाले हैं, क्योंकि आने वाले दिनों में उन्हें और अधिक कीमत मिलने की उम्मीद है। मोट्स ने कहा, ‘भारत दालों का बहुत बड़ा आयातक है, वहां इस बार दलहन के उत्पादन में कमी है और उसकी वजह से कनाडा के बाजार में भी उछाल देखने को मिल रहा है।’
एशियाई देशों को दालों का निर्यात करने वाले देशों में कनाडा पहले स्थान पर है। उम्मीद की जा रही है कि इस साल वह पिछले साल की तुलना में 10 लाख टन अधिक दाल का निर्यात करेगा। हालात यह है कि कनाडा में इस साल बीते वर्षों की तुलना में लाल मसूर और पीली मटर के दामों में तेजी देखी जा रही है।
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