भारत विरोधी अभियान चलाने वाले अफसर को PAK ने बनाया नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर


क्यों बदला गया एनएसए?
> एनएसए के तौर पर सरताज अजीज हमेशा निशाने पर रहे हैं। भारत-पाकिस्तान को लेकर उनके बचकाने बयानों की खुद पाकिस्तान में आलोचना होती रही है। उन पर आरोप लगते रहे हैं कि भारत के प्रति उनका रवैया नरम है।
> अजीज के पास फॉरेन ऑफिस और पीएमओ एडवाइजर जैसे अहम पद हैं। आर्मी सूत्रों ने बताया कि आर्मी चीफ राहिल शरीफ को लगा कि अजीज का ध्यान भटक रहा है। उनके काम को हल्का करने के लिए एनएसए बदला।
> कई रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि एनएसए के तौर पर सरताज ठीक से काम नहीं कर पा रहे थे। भारत के अजीत डोभाल की प्रोफाइल के सामने पाकिस्तानी एनएसए की छवि कमजोर पड़ रही थी। लिहाजा, डोभाल के सामने उनकी टक्कर का एनएसए खड़ा करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
कौन हैं जंजुआ?
> नसीर मूलत: राजपूत फैमिली से हैं। उन्होंने बाद में इस्लाम कबूल कर लिया था।
> रिटायर्ड होने से पहले नसीर खान सदर्न कमांड ऑफ पाकिस्तान के चीफ थे। इसके अलावा वह बलूचिस्तान में विद्रोहियों पर दबदबा कायम करने के लिए XII कॉर्प्स के हेड रह चुके हैं।
> 2012 में नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट रह चुके हैं। यह पाक आर्मी का हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट और नेशनल सिक्युरिटी मामलों का प्रमुख थिंक टैंक है।
> भारत के खिलाफ चुनौतियों से निपटने के लिए पाक आर्मी की एक्सरसाइज ‘अज्म-ए-नौ’ में काम कर चुके हैं।
> भारत के हमले की आशंका को देखते हुए 2009 में पाकिस्तानी सेना ने अज्म-ए-नऊ शुरू किया था। पाकिस्तान को लग रहा था कि भारत ने प्रॉक्सी व़ॉर किया तो पाकिस्तान खत्म हो जाएगा या बिखर जाएगा।
> स्वात घाटी में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन में हिस्सा ले चुके हैं।
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