भीड़ के हाथों हत्या मामले पर बोले अमित शाह, कहा- सबसे ज्यादा मामले 2011 से 2013 के दौरान

गोवा। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गोवा में एक कार्यक्रम में देशभर में भीड़ द्वारा पीट कर हत्याओं के मामले पर एक बार फिर मीडिया पर हमला किया. उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का बचाव करते हुए कहा है कि भीड़ द्वारा हत्या के सबसे ज्यादा मामले 2011 से 2013 के दौरान सामने आए. तब इस प्रकार के सवाल नहीं उठाए गए.

सफ़ाई देते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है जिसमें दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं हुई हो. उन्होंने मीडिया से सवाल किया कि आपके पास एक भी ऐसी घटना नहीं है जिसमें गिरफ़्तारी न हुई हो. हर मामले में दोषियों पर कार्रवाई हुई है. उन्होंने कहा कि पहले कभी भी ऐसे सवाल नहीं उठे थे.

उल्लेखनीय है कि हाल ही में गो-तस्करी या गोमांस खाने की अफवाह पर भीड़ द्वारा हत्या करने की कई घटनाएं सामने आई हैं जो मीडिया में सुर्खियां बनी रहीं. ताजा मामला 29 जून को झारखंड के रामगढ़ इलाके में मोहम्मद अलीमुद्दीन की हत्या का है. इन घटनाओं को लेकर जब शाह से सवाल किए गए तो उन्होंने कहा, मैं तुलना करके इस मुद्दे को हल्का नहीं करना चाहता. मैं इसे लेकर काफी सीरियस हूं लेकिन यह सच है कि साल 2011, 2012 और 2013 में लिंचिंग के कई मामले सामने आए थे. हमारे तीन साल के कार्यकाल के दौरान जितने मामले नहीं हुए, उससे ज्यादा एक साल में इनके (कांग्रेस) कार्यकाल में हुए. मगर कभी यह सवाल नहीं उठाया गया.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने यह बातें गोवा में नगर निकायों और पंचायतों के प्रतिनिधियों के एक कार्यक्रम के दौरान कहीं. शाह ने कहा कि पार्टी ऐसे शासन को लेकर प्रतिबद्ध है जिसमें सभी समुदायों के साथ समान व्यवहार हो. वहीं बीफ बैन को लेकर भी उन्होंने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि गोवा में कांग्रेस की सरकार के दौरान साल 1976 में गौवध पर प्रतिबंध लगाया गया था. चर्चा के दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, जहां तक बीफ पर प्रतिबंध की बात है, इसे लागू करने वाली भाजपा नहीं है. गोवा में पहले से गोहत्या बंदी है. उन्होंने कहा, यह साल 1976 से यहां है और यह तब हुआ था जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन किसी ने कांग्रेस से सवाल नहीं पूछा.

 

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