भूखे सैनिकों से 2 km दूर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का शहीदों को नमन

हालांकि वन रैंक वन पेंशन के आंदोलन का समर्थन कर रहे लोगों ने ट्विटर पर राष्ट्रपति को आड़े हाथों लिया। लोगों का कहना था कि राष्ट्रपति इंडिया गेट पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करने गए, उन्होंने राष्ट्रपति भवन में जवानों को सम्मानित किया, लेकिन वहां से सिर्फ दो किमी की दूरी पर जवान अपना हक लेने के लिए अनशन पर बैठे हुए हैं, उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अमर जवान की फोटो के साथ ट्वीट किया और कहा कि 1965 युद्ध की 50वीं वर्षगांठ पर वह सभी बहादुर सैनिकों को नमन करते हैं। उम्मीद की जा रही थी कि पीएम मोदी इसी दिन वन रैंक वन पेंशन की घोषणा करेंगे। हालांकि, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि पीएम सही समय आने पर इसकी घोषणा करेंगे।
उधर, गुरुवार रात को वन रैंक वन पेंशन के मामले पर पूर्व सैनिक सेना प्रमुख दलबीर सिंह के साथ हो रही बैठक से निकल गए। यह बैठक इस मसले का हल निकालने के लिए बुलाई गई थी, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका। गुरुवार रात को ही अनशन पर बैठे दो और पूर्व सैनिकों की हालत और खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पूर्व सैनिकों ने 1965 के युद्ध की 50वीं जयंती को सेलिब्रेट करने से भी इनकार किया है। कई पूर्व सेनाधिकारियों ने इस मौके पर होने वाले समारोह के लिए सरकार की ओर से मिले निमंत्रण को भी ठुकरा दिया है।
ट्विटर पर लोगों का कहना था कि देश सेवा कर चुके जवानों को अपना हक लेने के लिए लड़ना पड़ रहा है, तो यह उनका सम्मान कैसे हुआ। लोग जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पूर्व सैन्य अधिकारियों की फोटो ट्वीट कर बता रहे हैं कि 1965 के युद्ध में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी, अब उन्हें अपने हक के लिए अनशन पर बैठना पड़ रहा है। इस बीच, कांग्रेस ने भी कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी को इस मौके पर वन रैंक वन पेंशन की घोषणा करनी चाहिए। @sayan_dusk ने ट्वीट किया कि 1965 के युद्धवीरों को सच्ची श्रद्धांजलि वन रैंक वन पेंशन होगी।
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