मंत्री न बन पाने के बाद सिद्धू ने CM कैंडिडेट बनने की रखी थी शर्त

tahalka3_1_2नई दिल्ली। सोमवार को राज्यसभा से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू के AAP का CM कैंडिडेंट बनने पर सस्पेंस बना हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, AAP सिद्धू को अभी CM कैंडिडेंट नहीं बनाना चाहती है। पार्टी को डर है कि ऐसा करने पर पंजाब में AAP के अंदर फूट पड़ सकती है। इन सबके बीच 24 घंटे के अंदर बीजेपी को दूसरा झटका लगा है। सिद्धू के राज्यसभा से इस्तीफे के बाद अब बीजेपी से सस्पेंड चल रहे एमपी कीर्ति आजाद की पत्नी पूनम आम आदमी पार्टी में शामिल होने जा रही हैं। खुद आजाद ने इसे कन्फर्म करते हुए कहा कि एक-दो दिन में अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में पूनम आप में शामिल हो जाएंगी।
उधर, सिद्धू के भी AAP ज्वाइन करने की खबर है। सिद्धू इस्तीफे को लेकर उनकी पत्नी नवजोत कौर ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने सिर्फ विधायकी छोड़ी है, बीजेपी नहीं। हालांकि, पति के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ”सिद्धू के राज्यसभा की मेंबरशिप से इस्तीफा देने के यही मायने हैं कि उन्होंने बीजेपी से भी इस्तीफा दे दिया है।” बता दें कि सिद्धू ने मार्च में ही BJP छोड़ने के बारे में पार्टी को बता दिया था। तब मंत्री पद देने की बात कहकर पार्टी ने उन्हें रोक लिया था। बाद में मंत्री न बनाए जाने पर उन्होंने खुद को पंजाब में CM कैंडिडेट बनाने की शर्त भी रखी थी।
बीजेपी सूत्रों ने बताया कि नवजोत ने मार्च में ही पार्टी छोड़ने की इच्छा के बारे में बता दिया था। पार्टी को डर था कि सिद्धू के जाने से अगले साल पंजाब में होने वाले चुनाव में BJP की लड़ाई कमजोर हो सकती है। ऐसे में, जल्दबाजी में उन्हें राज्यसभा के रास्ते संसद में भेजने का फैसला पार्टी ने लिया। साथ ही, अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाने का भी प्रस्ताव दिया। पार्टी को भरोसा था कि इससे नवजोत की नाराजगी दूर हो जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सिद्धू ने बीजेपी नहीं छोड़ने के लिए खुद को केंद्र में मंत्री बनाए जाने की शर्त रख दी, जिसे उस समय मान लिया गया था। जुलाई में कैबिनेट विस्तार के दौरान मोदी ने सिद्धू को कैबिनेट में जगह देने से मना कर दिया था। इसे लेकर उन्होंने BJP के एक टॉप नेता को फ़ोन कर नाराजगी जताई।
सिद्धू ने बीजेपी में रुकने के लिए आखिरी शर्त के तौर पर पंजाब में BJP को अकाली दल से अलग करने और खुद को सीएम कैंडिडेट बनाने का प्रस्ताव दिया। इसे मानने से भी टॉप लीडरशिप ने मना कर दिया। इसके बाद सिद्धू ने राज्यसभा से इस्तीफा देने का मन बना लिया।
नितिन गड़करी BJP प्रेसिडेंट थे तब सिद्धू पार्टी के राष्ट्रीय सचिव थे। बाद में जब अमित शाह को प्रेसिडेंट बनाया गया तो शाह ने उन्हें टीम में कोई जगह नहीं दी, बल्कि चंडीगढ़ से सिद्धू के जूनियर माने जाने वाले नेता चुग को राष्ट्रीय सचिव बना दिया। नवजोत ने इसको लेकर पार्टी के सामने नाराजगी भी जताई थी।
2014 लोकसभा चुनाव के पार्टी ने अमृतसर सीट से सिद्धू का टिकट काट दिया। उनकी जगह अरुण जेटली को पार्टी कैंडिडेट बनाया गया। सिद्धू 10 साल से इस सीट से सांसद थे। पार्टी का यह दांव उलटा पड़ा। जेटली चुनाव हार गए। तब से ही सिद्धू पार्टी से नाराज बताए जा रहे थे।
नवजोत कौर ने क्या कहा?
– एक दिन पहले ही नवजोत सिंह ने राज्यसभा मेंबरशिप और नवजोत कौर ने पंजाब विधानसभा की सदस्यता छोड़ी थी। अटकलें हैं कि दोनों आम आदमी पार्टी में जा सकते हैं।
– इसके बाद मंगलवार को पहली बार नवजोत कौर मीडिया के सामने आईं।
– उन्होंने कहा, ”मैंने बीजेपी नहीं छोड़ी है। लेकिन ये बात सभी के समझने योग्य है कि सिद्धू बीजेपी छोड़ चुके हैं। उनका मकसद पंजाब के लिए काम करना है।”
– सिद्धू को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। वे पंजाब की सेवा करना चाहते थे। बीजेपी में उन्हें ये मौका नहीं मिल रहा था।
– अभी उन्होंने कोई तय नहीं किया है कि वे किस पार्टी में जाएंगे। लेकिन हां, आम आदमी पार्टी एक विकल्प है।
‘सिद्धू के पास कोई रास्ता नहीं बचा था’
– नवजोत कौर ने कहा, ”उनकी (सिद्धू की) सोच साफ है कि उन्हें पहले पंजाब की सेवा करनी है। पंजाब छोड़कर किसी ऑप्शन के लिए वे तैयार नहीं थे। मैं अपनी बात बाद में करूंगी। लेकिन उन्होंने राज्यसभा से रिजाइन कर दिया है, उसका एक ही मतलब होता है कि बीजेपी से रिजाइन कर दिया।”
– ”ऑप्शन वे ही बताएंगे। वे किस पार्टी में जाएंगे, ये फैसला उन्हें करना है। पंजाब की जनता गुड गवर्नेंस चाहती है। जो भी पार्टी ऐसा करेगा तो जनता तय करेगी।”
– ”हम यही चाहते थे कि अकाली दल से अलग होकर काम करें। लेकिन साफ मैसेज मिला कि साथ मिलकर लड़ना है तो जाहिर-सी बात है कि सिद्धू के लिए ऑप्शन नहीं बचा था।”
– वे आम आदमी पार्टी में जाएंगे या नहीं, इस बारे में पूछने पर नवजोत कौर ने कहा कि ये फैसला सिद्धू को करने दीजिए। वे अगले कुछ दिन में तय कर लेंगे।
AAP की तरफ से सीएम कैंडिडेट बनाए जाने की चर्चा
– ऐसी खबरें हैं कि नवजोत सिंह अगर आम आदमी पार्टी ज्वाइन करते हैं तो पार्टी उन्हें सीएम कैंडिडेट भी बना सकती है।
– इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह ने सोमवार को कहा था- ”सही-गलत की लड़ाई में न्यूट्रल नहीं रहा जा सकता है। सही-गलत चुनना था। पंजाब का हित सबसे ऊपर है। पीएम के कहने पर मैं राज्यसभा गया था।”
क्या है सिद्धू की नाराजगी की वजह
– 2014 लोकसभा चुनाव के पार्टी ने अमृतसर सीट से सिद्धू का टिकट काट दिया। उनकी जगह अरुण जेटली को पार्टी कैंडिडेट बनाया गया।
– सिद्धू 10 साल से इस सीट से सांसद थे। पार्टी का यह दांव उलटा पड़ा। जेटली चुनाव हार गए। तब से ही सिद्धू पार्टी से नाराज बताए जा रहे थे।
– अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी ने उन्हें मनाने की कोशिश की।
– उन्हें राज्यसभा एमपी बनाना इसी की कवायद माना जा रहा था। लेकिन सांसद बनने के तीन महीने के भीतर ही उन्होंने राज्यसभा मेंबरशिप छोड़ दी।
सिद्धू की पत्नी क्यों नाराज थी?
– सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर पंजाब में बीजेपी विधायक थीं। नवजोत कौर लगातार बीजेपी के सहयोगी अकाली दल पर हमले कर रही थीं।
– कहा जा रहा था कि पति-पत्नी चाहते थे कि बीजेपी विधानसभा चुनाव अकेले लड़े और सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी दी जाए।
– नवजोत कौर ने हाल ही में पार्टी से एक इंटरव्यू के दौरान पार्टी से अलग होने के संकेत दिए थे।
– इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि अकाली और बीजेपी तो मिलकर ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन मैं और सिद्धू प्रचार नहीं करेंगे।
AAP में जाने के संकेत क्यों?
– पंजाब में अकाली-बीजेपी गठजोड़ बनाए रखने के एलान के बाद डॉ. नवजोत कौर ने आम आदमी पार्टी में जाने के संकेत दिए थे।
– डॉ. सिद्धू ने कहा था कि वे चाहती हैं कि पंजाब में बीजेपी को अकेले चुनाव लड़ना चाहिए। हालांकि, उन्होंने इसे अपनी निजी राय बताया था।
– उन्होंने आम आदमी पार्टी को लोगों के लिए एक मौका बताया था।
 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button