महिला ने ट्रेन में बच्चे को जन्म दिया, मौजूद लोग देखते रहे

trainतहलका एक्सप्रेस

मुंबई। मुंबई की लोकल ट्रेन में उस वक्त एक अजीबोगरीब घटना हुई, जब ट्रेन में सफर कर रही सुदेवी पाल नाम की गर्भवती महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। सुदेवी पाल अपने पति रामलाल के साथ लोकल ट्रेन से केईएम अस्पताल की ओर जा रही थीं, तभी उन्हें प्रसव पीड़ा हुई और उन्होंने ट्रेन में ही बच्चे को जन्म दिया।

इसी ट्रेन में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला भी एक वाकया उस वक्त सामने आया, जब लोकल ट्रेन में मौजूद लोगों में से कोई भी प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला और उसे सहारा दे रहे उसके पति की मदद करने के लिए आगे नहीं आया। हालांकि उसी कंपार्टमेंट में सफर कर रहे एक उर्दू न्यूजपेपर के रिपोर्टर इक़बाल अंसारी ने आगे आकर दोनों की मदद की। उन्होंने तुरंत ही रेलवे अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया।

महिला पश्चिमी कल्याण इलाके की रहने वाली है और उसका पति रामलाल एमआईडीसी में काम करता है। दोनों की तीन बच्चियां हैं और यह बेटा उनकी चौथी संतान है। रामलाल ने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ करीब 3 बजे घर से अस्पताल के लिए निकले थे, लेकिन अचानक ट्रेन में सुदेवी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई।

उन्होंने बताया, ‘स्टेशन मास्टर, जीआरपी और महिला होमगार्ड ने विखरोली स्टेशन पर हमारी मदद की। जैसे ही उन्हें यह जानकारी मिली कि सुदेवी ने बच्चे को ट्रेन में ही जन्म दिया है, स्टेशन पर फौरन एंबुलेंस की व्यवस्था की गई।’

महिला और उसके पति की मदद करने वाले इकबाल अंसारी ने बताया, ‘ट्रेन में मौजूद कोई भी उन दोनों की मदद नहीं कर रहा था। यहां तक कि उस भीड़ में मौजूद कुछ महिलाएं भी उस महिला को तड़पता हुआ देख रही थीं। मैंने रामलाल से पूछा तो उसने बताया कि उसकी पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दिया है।’

अंसारी ने रेलवे कंट्रोल रूम में फोन मिलाया तो उनसे ट्रेन की लोकेशन और अगले स्टेशन जैसी जानकारियां मांगी गईं। अंसारी ने बताया, ‘ट्रेन भांदुप से रवाना हुई थी, रेलवे के अधिकारियों ने मुझसे चेन खींचकर ट्रेन को कंजुरमार्ग स्टेशन पर रोकने के लिए कहा। ट्रेन जैसे ही स्टेशन पर पहुंची मैंने चेन खींचकर उसे रोक दिया। ट्रेन रुकते ही स्टेशन स्टाफ और स्टेशन मास्टर एक स्ट्रेचर लेकर ट्रेन के उस डिब्बे में आ गए, जिसमें हम लोग थे।’

यह सब देख ट्रेन में मौजूद साथी यात्रियों ने भी मदद करना शुरू कर दिया। ट्रेन में मौजूद कुछ महिलाओं ने सुदेवी और उसके नवजात बेटे को स्ट्रेचर पर लिटाया। दोनों को रजावड़ी अस्पताल ले जाया गया, जहां महिला और उसका बेटा दोनों सुरक्षित हैं।

रामलाल ने कहा, ‘मैं इकबाल अंसारी का दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, उन्होंने ऐसे समय में मदद की जब वहां मौजूद बाकी सब बस तमाशा देख रहे थे। ईश्वर की कृपा से मेरी बीवी और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं, मैं अंसारी का यह अहसान कभी नहीं भूलूंगा।’

 

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