मुलायम ने समधी को दिया झटका, लालू नीतीश के गठबंधन से तोड़ा नाता

फिर से टूटा जनता परिवार, SP अकेले लड़ेगी चुनाव
फाइल फोटो: मुलायम सिंह यादव, नीतीश कुमार, शरद यादव और लालू प्रसाद यादव।
तहलका एक्सप्रेस
लखनऊ। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जोर-शोर से एक हुआ जनता परिवार एक बार फिर अलग हो गया है। जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की अगुवाई में बना महागठबंधन टूट गया है। जनता परिवार से अलग होकर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में अब एसपी अकेले ही चुनाव लड़ेगी। पार्टी सीटों के बंटवारे को लेकर नाखुश थी।
पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए बताया कि पार्टी की संसदीय दल की बैठक में इस बारे में आखिरी फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में शामिल होने का फैसला कभी भी पार्टी के लिए फायदेमंद नहीं था। उन्होंने कहा कि जनता परिवार नाम की कोई चीज कभी थी ही नहीं, बल्कि यह तो समाजवादी पार्टी के लिए एक डेथ वॉरंट की तरह था।
यादव ने कहा, ‘गठबंधन में समाजवादी पार्टी का अपमान किया गया।’ उन्होंने कहा कि गठबंधन में उनकी पार्टी को सही प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया। ‘पार्टी ने एक सम्मानजनक तरीके से अपने बूते चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया है,’ रामगोपाल यादव ने बताया।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सीटों का बंटवारा करते समय गठबंधन के नेताओं ने समाजवादी पार्टी के नेताओं से कोई बात नहीं की। रामगोपाल यादव ने कहा, ‘हमें तो सीटों के बंटवारे के बारे में टीवी और मीडिया की रिपोर्टों से पता चला। हमें ना तो विश्वास में लिया गया और ना ही हमसे कोई बातचीत ही की गई।’ उम्मीदवारों की लिस्ट के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान इस बारे में आपसी बातचीत के बाद ही उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाएगा।
बिहार विधानसभा के चुनाव में सिर्फ 5 सीटें दिए जाने से नाराज समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में बैठक बुलाई थी, जिसमें बिहार चुनाव को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि पार्टी के संसदीय बोर्ड ने जनता परिवार पर सीटों को बढ़ाने का दबाव डाला था, लेकिन बात ना बनने पर पार्टी ने खुद को जनता परिवार से अलग कर लिया।
SP का आरोप: मिलीं ठुकराई हुई सीटें
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 243 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। इनमें जनता दल परिवार के अंग आरजेडी और जेडीयू ने खुद 100-100 सीटें ले ली थीं। 40 सीटें कांग्रेस को दी गई थीं। इनके अलावा बची हुई 3 सीटों के लिए जनता परिवार ने एनसीपी को चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया था, पर एनसीपी ने इन तीनों सीटों पर चुनाव लड़ने से मना कर दिया। यही ठुकराई हुई सीटों में लालू ने अपने हिस्से की 2 सीटें जोड़कर समाजवादी पार्टी को दे दीं। समाजवादी पार्टी इतनी कम सीटें मिलने से नाराज थी।
मुलायम ने जताई थी नाराजगी
बिहार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष राम चंद्र यादव और प्रभारी किरनमय नंदा के अलावा समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव भी अपनी नाराजगी जता चुके थे। पिछले सप्ताह हुई महारैली में मुलायम को जाना था, पर उन्होंने जाने से इनकार कर दिया था। महारैली में एसपी ने प्रतिनिधि के तौर पर मंत्री शिवपाल यादव को भेजकर खानापूर्ति कर खुद को अलग कर लिया था। इसके बाद से लगातार किरनमय नंदा, पार्टी के महासचिव प्रो.रामगोपाल यादव के नाराजगी भरे बयान आ रहे थे। इसके बाद ही संसदीय बोर्ड की बैठक बुला ली गई।
अमित शाह से मिले थे रामगोपाल
बिहार चुनाव को लेकर जनता परिवार के बीच चल रही तनातनी के बीच समाजवादी पार्टी के महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में मिले थे। सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच बिहार चुनाव को लेकर भी बातचीत हुई। चूंकि बिहार चुनाव बीजेपी के लिए काफी अहम है, इस वजह से समाजवादी पार्टी और बीजेपी की बढ़ती नजदीकियां किसी बड़े अंजाम तक पहुंच सकती है। राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात के भी बड़े अनुमान लगाए जा रहे हैं।
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