मुस्लिमों को आरक्षण देने का रास्ता निकाल लेंगे: सिद्दीकी

पटना। बिहार विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता, लालू के विश्वासपात्र और आरजेडी के मुस्लिम चेहरे अब्दुल बारी सिद्दीकी अलीनगर में दोबारा चुनाव की मांग कर रहे हैं। मुस्लिमों के लिए कोटे की वकालत करने वाले बारी कहते हैं कि अल्पसंख्यकों के कोटे पर पीएम द्वारा दिया गया बयान गुमराह करने वाला है। बारी के मुताबिक अगर वह सत्ता में आते हैं तो जिन्हें पहले से आरक्षण मिल रहा है, वह तो जारी रहेगा ही, साथ ही, पिछड़े मुस्लिमों के लिए भी आरक्षण का रास्ता निकाला जाएगा।
सिद्दीकी कहते हैं, ‘अगर हमारी सरकार बनती है तो हम मुस्लिमों को आरक्षण देंगे और यह कोई पाप नहीं है। हम केवल वही कर रहे हैं जो रंगनाथ मिश्रा और सच्चर कमिटी जैसी बॉडी ने सुझाया है। ये नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में मुस्लिमों को जोड़ने की बात करते हैं। बीजेपी इस आरक्षण का विरोध इसलिए कर रही है, क्योंकि वह ताकत और पैसे को गरीबों के साथ नहीं बांटना चाहती है। हम रास्ता निकाल कर उन मुस्लिमों को आरक्षण देंगे, जो दलितों से पिछड़ी हालत में हैं।’
कई मुस्लिम महागठबंधन को स्वाभाविक शैतान करार देते हैं, क्योंकि लालू और नीतीश ने उनके लिए कुछ नहीं किया। इस बात के जवाब में बारी कहते हैं कि यह चुनाव ‘अपमान’ बनाम ‘स्वाभिमान’ का है। मुस्लिम बीजेपी को जानते-समझते हैं और खासतौर पर पीएम मोदी को। मुस्लिमों को यह भी पता है कि बीजेपी को रोकना जरूरी है।
बारी का नाम एक बार सीएम पद के लिए भी उछल चुका है। इस बारे में वह कहते हैं, ‘यह बात सही है कि सेक्युलर पार्टियों में भी मुस्लिमों की तादाद कम है। लेकिन, अभी उनका लक्ष्य सिर्फ बिहार में बीजेपी को रोकना है। उसके बाद बाकी मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा।’
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