मुस्लिम परिवार का आरोप- एजुकेशनल टूर के बहाने बेटे को ज्वॉइन कराया गया RSS कैंप

सिद्धार्थनगर (उत्तर प्रदेश)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर एक मुस्लिम परिवार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। सिद्धार्थनगर के एक मुस्लिम परिवार का आरोप है कि संघ के लोग 8वीं में पढ़ रहे उनके बेटे को एजुकेशनल टूर के बहाने आरएसएस कैंप में ले गए। आरएसएस का ये कैंप सिद्धार्थनगर के बीजेपी एमपी जगदंबिका पाल के स्कूल में 10 से 17 अक्टूबर तक चला। मुस्लिम परिवार ने मंगलवार को डीएम और स्टेट माइनॉरिटी कमीशन (SMC) में शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि आरएसएस ने बेटे को एंटी मुस्लिम एथिक्स का पाठ पढ़ाया। ऐसे में वे अपने बच्चों को इस स्कूल में पढ़ाना नहीं चाहते।
क्या है मामला?
आरएसएस पर ये आरोप महबूब अहमद नाम के शख्स ने लगाए हैं। उन्होंने बताया, “मेरा बेटा गुलजार (15) सिद्धार्थनगर के उस्का बाजार के गवर्नमेंट जूनियर हाईस्कूल में क्लास 8 का स्टूडेंट है। कुछ दिन पहले मैंने उसे एजुकेशनल टूर के लिए 450 रुपए दिए थे। एक हफ्ते पहले वह जब वह घर लौटा, तो सब हैरान हो गए। गुलजार ने हाफ पैंट, वाइट शर्ट, ब्लैक कैप पहन रखी थी और हाथ में डंडा पकड़े हुए था। कैंप में उसे एंटी इस्लामिक कंटेंट और लिट्रेचर पढ़ाए गए।” महबूब अहमद ने बताया, “मेरे बेटे को आरएसएस वाले कैंप के लिए लेकर गए थे, जहां उसे विजय कुमार नाम दिया गया।” महबूब ने ये भी बताया कि आरएसएस का ये कैंप उस्का बाजार से करीब 35 किलोमीटर दूर सूर्या महाविद्यालय में चलाया गया। ये महाविद्यालय बीजेपी एमपी जगदंबिका पाल का है।
आरएसएस पर ये आरोप महबूब अहमद नाम के शख्स ने लगाए हैं। उन्होंने बताया, “मेरा बेटा गुलजार (15) सिद्धार्थनगर के उस्का बाजार के गवर्नमेंट जूनियर हाईस्कूल में क्लास 8 का स्टूडेंट है। कुछ दिन पहले मैंने उसे एजुकेशनल टूर के लिए 450 रुपए दिए थे। एक हफ्ते पहले वह जब वह घर लौटा, तो सब हैरान हो गए। गुलजार ने हाफ पैंट, वाइट शर्ट, ब्लैक कैप पहन रखी थी और हाथ में डंडा पकड़े हुए था। कैंप में उसे एंटी इस्लामिक कंटेंट और लिट्रेचर पढ़ाए गए।” महबूब अहमद ने बताया, “मेरे बेटे को आरएसएस वाले कैंप के लिए लेकर गए थे, जहां उसे विजय कुमार नाम दिया गया।” महबूब ने ये भी बताया कि आरएसएस का ये कैंप उस्का बाजार से करीब 35 किलोमीटर दूर सूर्या महाविद्यालय में चलाया गया। ये महाविद्यालय बीजेपी एमपी जगदंबिका पाल का है।
क्या कहती है आरएसएस?
आरएसएस के डिस्ट्रिक्ट सर प्रचार प्रमुख विपुल सिंह ने इन आरोपों से इनकार किया है। उनका कहना है, “लोकल मुस्लिम लीडर (महबूब अहमद) ने साजिश के तहत बच्चे को नाम बदलकर कैंप में भेजा था। अब जब वह अपने इरादों में नाकाम हो गए, तो आरएसएस की इमेज खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने बताया कि गुलजार ने खुद विजय कुमार के नाम से अपना एडमिशन फॉर्म भरा था। वहीं, स्कूल के प्रिंसिपल श्रीराम मिश्रा से इस घटना की जानकारी नहीं होने की बात कही है।
आरएसएस के डिस्ट्रिक्ट सर प्रचार प्रमुख विपुल सिंह ने इन आरोपों से इनकार किया है। उनका कहना है, “लोकल मुस्लिम लीडर (महबूब अहमद) ने साजिश के तहत बच्चे को नाम बदलकर कैंप में भेजा था। अब जब वह अपने इरादों में नाकाम हो गए, तो आरएसएस की इमेज खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने बताया कि गुलजार ने खुद विजय कुमार के नाम से अपना एडमिशन फॉर्म भरा था। वहीं, स्कूल के प्रिंसिपल श्रीराम मिश्रा से इस घटना की जानकारी नहीं होने की बात कही है।
क्या कहते हैं सीओ?
मामले की जांच कर रहे सर्किल ऑफिसर (सिटी) मोहम्मद अकमल खान ने बताया, “गुलजार को आरएसएस कैंप के बारे में जानकारी नहीं थी। उसके तीन दोस्त कैंप में जा रहे थे और वह भी उनके साथ जाना चाहता था। उसके दोस्तों ने कहा था कि कैंप में मुस्लिम को एंट्री नहीं है। इसलिए उसने अपना नाम बदलकर विजय कुमार कर लिया।”
मामले की जांच कर रहे सर्किल ऑफिसर (सिटी) मोहम्मद अकमल खान ने बताया, “गुलजार को आरएसएस कैंप के बारे में जानकारी नहीं थी। उसके तीन दोस्त कैंप में जा रहे थे और वह भी उनके साथ जाना चाहता था। उसके दोस्तों ने कहा था कि कैंप में मुस्लिम को एंट्री नहीं है। इसलिए उसने अपना नाम बदलकर विजय कुमार कर लिया।”
क्या कहती है एसएमसी?
इस बारे में स्टेट माइनॉरिटी कमीशन (SMC) के प्रवक्ता सफी अजमी ने कहा, “कमीशन ने डीएम से रिपोर्ट मांगी है। हम इस मामले की तफ्तीश कर रहे हैं। अगर मुस्लिम परिवार पर किसी तरह के दबाव का मामला सामने आया, तो जरूरी कार्रवाई होगी।”
इस बारे में स्टेट माइनॉरिटी कमीशन (SMC) के प्रवक्ता सफी अजमी ने कहा, “कमीशन ने डीएम से रिपोर्ट मांगी है। हम इस मामले की तफ्तीश कर रहे हैं। अगर मुस्लिम परिवार पर किसी तरह के दबाव का मामला सामने आया, तो जरूरी कार्रवाई होगी।”
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