मोदी के इजरायल दौरे से मेसेज, मुस्लिम वोटों पर निर्भर नहीं BJP?
नई दिल्ली। केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी का मानना है कि पीएम नरेंद्र मोदी के इजरायल दौरे से भारत में एक कड़ा राजनीतिक संदेश गया है। संदेश यह कि पिछली सरकारें किस तरह ‘वोट बैंक’ पॉलिटिक्स से बंधी हुई थीं और बीजेपी अब ‘नेशन फर्स्ट’ पॉलिसी अपनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। बता दें कि मोदी का इजरायल दौरा इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि यह किसी भारतीय पीएम का पहला इजरायली दौरा है।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि मोदी के इस दौरे से साफ पता चलता है कि बीजेपी की मुस्लिमों के समर्थन पर कोई निर्भरता नहीं है। यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसकी वजह से विपक्षी पार्टियां इस पश्चिम एशियाई मुल्क से रिश्तों को खुलकर स्वीकार करने में अभी तक असफल रही हैं। जहां तक बीजेपी का सवाल है, उसकी राजनीतिक पहुंच का भी एक विशेष दायरा रहा है, लेकिन पार्टी नोटबंदी जैसे कदमों से इस सीमा को तोड़कर आगे बढ़ने में कामयाब होती नजर आई है। बता दें कि नोटबंदी की वजह से आम लोगों को हुई परेशानियों के बावजूद मोदी को समाज के विभिन्न तबकों से इस मुद्दे पर जोरदार समर्थन मिलता नजर आया था। अब पार्टी जीएसटी पर भी वैसा ही समर्थन मिलने की उम्मीद कर रही है।
विरोधी पार्टियों की रणनीति से अलग दिखने में बीजेपी के भी कई फैसले अहम रहे। पार्टी ने यूपी चुनावों में एक भी मुस्लिम कैंडिडेट खड़ा नहीं किया। जानकारों के मुताबिक, इस कदम का मकसद ही यही था कि बीजेपी अपने प्रतिद्वंद्वियों से अलग दिखे। बता दें कि बीएसपी जैसी पार्टियों ने चुनाव में 100 मुस्लिम कैंडिडेट्स खड़े किए थे, वहीं समाजवादी पार्टी ने अपनी कामयाबी में मुस्लिमों के वोटों को बेहद अहम माना था।
बीजेपी चीफ अमित शाह ने ट्वीट करके कहा है, ‘इजरायली पीएम नेतन्याहू द्वारा सभी कार्यक्रमों में पीएम मोदी का किया गया स्वागत हो या उनकी भव्य अगवानी, सब कुछ हमेशा याद किया जाएगा।’ शाह के मुताबिक, यह अटल सरकार के दौरान ही हुआ, जब एक इजरायली पीएम ने पहली बार भारत का दौरा किया। अब मोदी इजरायल के दौरे पर गए हैं। शाह ने कहा, ‘बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर मुझे इस बात पर गर्व है कि पार्टी ने भारत के सच्चे दोस्त इजरायल के साथ रिश्तों को प्राथमिकता दी।
शाह वाजपेयी के नाम का खास तौर पर जिक्र इसलिए करते हैं ताकि वह साबित कर सकें कि बीजेपी हमेशा से इजरायल को लेकर सकारात्मक रही है। शाह ने कहा, ‘दोनों ही पीएम, नरेंद्र मोदी और नेतन्याहू, मजबूत इच्छाशक्ति वाले नेता हैं जो आतंक को पूरी दुनिया से खत्म करने के लिए संकल्पबद्ध हैं।’
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