मोदी-मार्केल की ज्वाइंट स्टेटमेंटः ग्रीन एनर्जी के लिए दो अरब यूरो देगा जर्मनी

modi-markelतहलका एक्सप्रेस
नई दिल्ली। जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल तीन दिन के दौरे पर भारत आई हैं। दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मार्केल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद मोदी-मार्केल ने ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया। जर्मनी की चांसलर ने अपने स्टेटमेंट में कहा, ”हम भारत के मेक इन इंडिया कैंपेन में हेल्प करने के लिए तैयार हैं। भारत में पहले से ही 1500 जर्मन कंपनियां हैं।” इस दौरान मोदी ने कहा, ”भारत के इकोनॉमिक रिफॉर्म में जर्मनी एक नैचुरल पार्टनर है। ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर और सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए जर्मनी की एक-एक अरब यूरो (करीब 15 हजार करोड़ रुपए) की हेल्प बहुत मायने रखती है।” दोनों देशों के बीच ट्रेड और दूसरे सेक्टरों से जुड़े 12 एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) साइन हुए।
मार्केल के स्टेटमेंट के कुछ प्वाइंट्स
* दोनों देशों के रिप्रजेंटेटिव के बीच अच्छी बातचीत हुई और हमने कई एग्रीमेंट्स साइन किए।
* भारत और जर्मनी के बीच इकोनॉमिक रिलेशन बहुत ही डायनामिक हैं।
* हम साइंस टेक्नॉलॉजी और वोकेशन्ल फिल्डस में आपसी सहयोग बढ़ा रहे हैं।
* हर ओर विकास तभी किया जा सकता है जब रूरल एरिया को नेगलेक्ट न किया जाए।
* दुनिया की मुश्किलों को हल करने के लिए भारत और जर्मनी पीसफुल और डिप्लोमैटिक सॉल्यूशन पर काम कर रहे हैं।
* हम अफगानिस्तान में सिक्युरिटी को लेकर चिंतित हैं।
मोदी के स्टेटमेंट के कुछ प्वाइंट्स
* भारत के इकोनॉमिक रिफॉर्म में जर्मनी एक नैचुरल पार्टनर है। जर्मनी की स्ट्रैंथ और भारत की प्रॉयरिटी एक है।
* इंटर-गवर्मेंटल कंसल्टेंशन का मॉडल यूनिक है। भारत-जर्मनी रिलेशंस में जर्मन डेलिगेशन ने काफी सक्रियता दिखाई।
* चांसलर मार्केल की लीडरशिप यूरोप और दुनिया के लिए मुश्किल वक्त में कॉन्फिडेंस और भरासे के लिए बड़ा सोर्स है।
* टेंपरेचर पर लगाम लगाने के लिए हमें टेंपरामेंट में भी बदलाव लाने होंगे।
* भारत में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर और सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए जर्मनी द्वारा एक-एक बिलियन यूरोज की मदद काफी मायने रखती है।
* G4 समिट में हुई बातचीत के मुताबिक, चांसलर और मैं (मोदी) यूएन में बदलाव के लिए बात उठाते रहेंगे। खासकर सिक्युरिटी काउन्सिल में बदलाव के लिए।
* दसवीं सदी की मां दुर्गा की प्रतिमा रिटर्न करने के लिए जर्मनी और डॉ. मार्केल का शुक्रिया।
अब तक के डेवलपमेंट्स…
* सोमवार को राष्ट्रपति भवन में मार्केल का ऑफिशियल वेलकम किया गया।
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथ मिलाकर जर्मनी की चांसलर का वेलकम किया।
* इस मौके पर मार्केल ने कहा, ”भारत और जर्मनी के बीच IGC ( इंटर गवर्नमेंटल कंसल्टेशन्स) मीटिंग में हम बड़े पैमाने पर आपसी सहयोग बढ़ाने पर बात करेंगे। हम इकोनॉमी, एग्रीकल्चर, इंटरनल सिक्युरिटी, डेवलपमेंट, डिफेंस और फाइनेंशियल रिलेशन्स पर बात करेंगे।”
* इसके बाद मार्केल ने हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की।
* हैदराबाद हाउस में मुलाकात के बाद दोनों देशों के नेताओं ने ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया।
विमान हुआ खराब तो कार्गो प्लेन से पहुंचीं मार्केल
बताया जा रहा है कि ऑफिशियल प्लेन में तकनीकी खराबी के बाद मार्केल मिलिट्री कार्गो प्लेन से रविवार रात दिल्ली पहुंचीं। जर्मन रेडियो डॉयचे वेले के मुताबिक, मार्केल के स्पेशल जेट विमान एयरबस ए 340 ‘कोनराड अडेनॉएर’ में उड़ान भरने से ठीक पहले तकनीकी खराबी आ गई। इसके बाद मार्केल आर्मी के कार्गो प्लेन एयरबस ए 310 ‘कुर्त शुमाशर’ से भारत आईं।
मार्केल के आने का मकसद
>मार्केल के भारत दौरे को दोनों देशों के बीच ट्रेड बढ़ाने से जोड़ कर देखा जा रहा है।
> जर्मन राजदूत मार्टिन नेय ने कहा कि थर्ड इंटर गवर्नमेंटल कंसल्टेशन से दोनों देशों के हित में बड़े फैसले हो सकेंगे।
>दोनों देशों के बीच क्लाइमेट चेंज को लेकर भी बातचीत हो सकती है।
भारत को क्या होगा फायदा?
> मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ कैंपेन को बड़ा फायदा हो सकता है। यूरोपियन यूनियन में जर्मनी भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। वह भारत में सातवां बड़ा विदेशी इन्वेस्टर है। पीएम ‘मेक इन इंडिया’ में जर्मनी की हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं।
>जर्मनी की चांसलर के साथ कई कंपनियों के सीईओ भी आए हैं। बताया जा रहा है कि भारत सरकार से इन्वेस्टमेंट को लेकर उनकी चर्चा होगी। बता दें कि दोनों देशों के बीच गुड्स और सर्विसेस का कुल लेन-देन पिछले साल करीब 15.96 अरब यूरो का था। यह 2013 में दर्ज किए गए 16.10 अरब यूरो के स्तर से 1.14 अरब यूरो कम है। वहीं, भारत से जर्मनी को एक्सपोर्ट थोड़ा ही बढ़ा है। यह 2014 में 7.03 अरब यूरो था। जर्मनी से इम्पोर्ट पिछले साल के 9.19 अरब यूरो से घटकर 8.92 अरब यूरो हो गया है।
 

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