युद्ध के मुहाने पर खड़ी है दुनिया, ट्रंप कहीं ये भूल ना कर बैठें !

नई दिल्ली। दुनिया पहली बार परमाणु और हाइड्रोजन बमों के युद्ध के मुहाने पर खड़ी है. इतने खतरनाक युद्ध का खतरा इसलिए मंडराया है क्योंकि उत्तर कोरिया का सनकी तानाशाह किम जोंग हाइड्रोजन बम के बाद अब एक और मिसाइल परीक्षण की तैयारी में है. अमेरिका ने चेतावनी दी है कि किम जोंग उन को सबक सिखाने का वक्त आ गया है. संयुक्त राष्ट्र में भी अमेरिका ने कह दिया है कि उत्तर कोरिया सिर्फ य़ुद्ध चाहता है. दूसरी तरफ उत्तर कोरिया के सबसे बड़े दुश्मन दक्षिण कोरिया ने भी युद्ध का अभ्यास शुरू कर दिया है. उधर, उत्तर कोरिया के पास परमाणु और हाइड्रोजन बम है और अगर युद्ध हुआ तो वो उनका इस्तेमाल जरूर करेगा. उसके पास अमेरिका तक पहुंचने वाली मिसाइल हैं.

दक्षिण कोरिया हाई अलर्ट पर है. उत्तर कोरिया से जंग की तैयारी शुरू कर चुका है.  दक्षिण कोरियाई नेवी के प्रवक्ता जांग वुक ने कहा कि उत्तरी कोरिया की तरफ से समुद्र के रास्ते होने वाली कार्रवाई की स्थिति में नौसेना की स्थिति की जांच करने और उकसाने पर दुश्मन को सबक सिखाने के लिए ड्रिल की गयी है.

दरअसल दक्षिण कोरिया के उत्तर कोरिया की धमकियों को नज़रअंदाज़ नहीं करने की दो बड़ी वजहें हैं. पहली वजह ये है कि उत्तर कोरिया का तानाशाह शासक किम जोंग उन दक्षिण कोरिया से बेहद नफरत करता है. दूसरी वजह– उत्तर कोरिया के पास परमाणु हथियार हैं जबकि दक्षिण कोरिया के पास नहीं हैं. लेकिन दक्षिण कोरिया के लिए सबसे बड़ी राहत की बात अमेरिका का उसके साथ रहना है. दक्षिण कोरिया पर हमला सीधे अमेरिका पर हमला माना जाएगा. इसीलिए उत्तर कोरिया से जंग की सूरत में अमेरिका अपनी पूरी ताकत दक्षिण कोरिया को बचाने में झोंक देगा. दरअसल खतरा इसलिए भी ज्यादा बढ़ गया है क्योंकि खबर मिली है कि उत्तर कोरिया लंबी दूरी तक मार करने वाली अपनी मिसाइलों को पश्चिमी समुद्री तटों की तरफ ले जा रहा है. वो मिसाइलों को रात में शिफ्ट कर रहा है जिससे उसकी हरकतों पर नजर ना रखी जा सके. मिसाइलों को फायर करने की सारी सुविधाएं उत्तर कोरिया के पश्चिमी तट पर मौजूद हैं. खबर है कि उत्तर कोरिया की दर्जनों मिसाइलें फौरन लॉन्च होने की स्थिति में तैयार खड़ी हैं.

अब सवाल ये है कि विश्व युद्ध वाली स्थिति कैसे बनी?

दरअसल उत्तर कोरिया की इस हिमाकत के पीछे फिर से वही दुनिया के दो सुपर पावर्स का आमने सामने आना है. अमेरिका, उत्तर कोरिया पर हमला करना चाहता है. रूस, उत्तर कोरिया पर अमेरिकी हमले के खिलाफ है. चीन भी कह चुका है हमला करना विकल्प नहीं है. अमेरिका के साथ जापान और दक्षिण कोरिया हैं. जबकि उत्तर कोरिया के साथ रूस और चीन खड़ें हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसे हालातों में किसी भी प्रतिबंधों का सहारा लेना बेकार और अक्षम है, ये सब पूरी दुनिया को तबाही की ओर ले जा सकते हैं और ये पीड़ितों की एक बड़ी संख्या की वजह बन सकता है.

दरअसल उत्तर कोरिया लगातार अमेरिकी चेतावनियों को मानने से इंकार करता आ रहा है. इसीलिए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और ज्यादा खार खाए बैठे हैं, व्लादिमीर पुतिन की बातों को नजरअंदाज करते हुए ट्रंप ने उत्तर कोरिया के खिलाफ एक और बड़ा कदम बढ़ा दिया है, ट्रंप ने ट्वीट किया है कि बड़ा हफ्ता आने वाला है, कांग्रेस, अपने काम को करने के लिए तैयार हो जाओ, मैं जापान और दक्षिण कोरिया को अनुमति दे रहा हूं कि वो अमेरिका से अत्याधुनिक हथियार और सैन्य उपकरण को अधिक से अधिक मात्रा में खरीद सकते हैं.

ट्रंप का इशारा साफ है कि वो उत्तर कोरिया को इतनी आसानी से छोड़ने वाले नहीं हैं, लेकिन उत्तर कोरिया को कमजोर समझने की भूल करना भारी पड़ सकता है. दोनों देशों की ताकत में भले ही जमीन आसमान का अंतर हो लेकिन ये नहीं भूलना चाहिए कि सनकी किम जोंग परमाणु हथियारों को दागने से पहले ये नहीं सोचेगा कि इससे दुनिया को कितना नुकसान होगा?

अमेरिका और उत्तर कोरिया दोनों के पास 10 हजार किमी से भी ज्यादा दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें हैं. अमेरिका के पास करीब 14 लाख जवान हैं तो उत्तर कोरिया के पास करीब पौने दस लाख. अमेरिका के पास करीब 6800 परमाणु बम हैं तो उत्तर कोरिया के पास 30-60 परमाणु हथियार हैं. अमेरिका के पास 13 हजार 800 विमान हैं तो उत्तर कोरिया के पास करीब 950. अमेरिका के पास 19 विमानवाहक पोत हैं जबकि उत्तर कोरिया के पास एक भी नहीं है. अमेरिका के पास 70 पनडुब्बियां हैं जबकि उत्तर कोरिया के पास इनकी संख्या 76 है. अमेरिका के पास डेस्ट्रॉयर्स 63 हैं जबकि उत्तर कोरिया के पास एक भी नहीं है.

 

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