यूपी के 13 शहर बनेंगे स्‍मार्ट, केंद्र सरकार खर्च करेगी 6400 करोड़

a27तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि
लखनऊ। केंद्र सरकार ने 98 शहरों को स्‍मार्ट सिटी बनाने की घोषणा कर दी है। इसमें सबसे ज्‍यादा तरजीह यूपी को दी गई है। यूपी के 13 शहरों को 6400 करोड़ रुपए की लागत से स्‍मार्ट सिटी बनाने के लिए चुना गया है। इसमें 12 शहरों को तो फाइनल कर दिया गया है, लेकिन 13वें शहर के लिए रायबरेली और अमेठी में फैसला होना बाकी है। इन दोनों शहरों में से स्‍मार्ट सिटी किसे बनाया जाएगा इसकी घोषणा बाद में होगी। आगामी यूपी विधानसभा चुनाव 2017 को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी यूपी में अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने में लगे हुए हैं। यह बात इससे भी साफ जाहिर होती है कि कुछ दिनों पहले केंद्र ने यूपी को चार हजार करोड़ रुपए की सौगात दी थी।
यूपी के जो शहर चुने गए हैं उनमें लखनऊ, इलाहाबाद, मुरादाबाद, सहारनपुर, गाजियाबाद, वाराणसी, मेरठ, अलीगढ़, बरेली, आगरा, रामपुर, झांसी, कानपुर शामिल हैं। अब राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि पीएम मोदी ने विधानसभा चुनाव जीतने के लिए ही यूपी के 13 शहरों को चुना है। इससे साफ जाहिर हो गया है कि यूपी विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी एक बार फिर ‘विकास की राजनीति’ की बात दोहराएंगे।
स्मार्ट सिटीज बनाने पर फोकस क्यों?
शहरी विकास मंत्रालय के कॉन्सेप्ट नोट के मुताबिक, देश में अभी शहरी आबादी 31 फीसदी है, लेकिन इसकी भारत के जीडीपी में हिस्सेदारी 60 फीसदी से ज्यादा है। अनुमान है कि अगले 15 साल में शहरी आबादी की जीडीपी में हिस्सेदारी 75 फीसदी होगी। इस वजह से स्मार्ट सिटीज़ बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
स्मार्ट सिटी का मूल्यांकन एजेंसी करेगी
नगर विकास विभाग के सचिव एसपी सिंह ने बताया कि चयनित शहरों को स्मार्ट सिटी का प्रस्ताव तैयार करना होगा। इसका मूल्यांकन इंटरनेशनल एजेंसी ब्लूमवर्क करेगी। चयनित शहरों को अपने यहां लागू सुधारों को सुचारू रूप से चलाना होगा। शासन और केंद्र दोनों ही स्तर से इसकी नियमित मॉनिटरिंग होगी। बैठक में शहरी विकास मंत्रालय के निदेशक मृणालकांत त्रिपाठी भी शामिल थे।
स्‍मार्ट सिटी में मिलने वाली सुविधाएं
1. क्वालिटी ऑफ लाइफ
स्मार्ट सिटी में रहने वाले हर व्यक्ति को क्वालिटी लाइफ मिले। यानी किफायती घर हो, हर तरह का इन्फ्रास्ट्रक्चर हो। पानी और बिजली चौबीसों घंटे मिले। एजुकेशन के ऑप्शंस हों। सुरक्षा हो। एंटरटेनमेंट और स्पोर्ट्स के साधन हों। आसपास के इलाकों से अच्छी और तेज कनेक्टिविटी हो। अच्छे स्कूल और अस्पताल भी मौजूद हों।
2. इन्वेस्टमेंट
स्मार्ट सिटी में वहां मौजूद ह्यूमन रिसोर्स और नेचुरल रिसोर्स के मुताबिक पूरा इन्वेस्टमेंट भी आए। बड़ी कंपनियों को वहां अपनी इंडस्ट्री लगाने के लिए सुविधाएं और सहूलियत मिले। उन पर टैक्स का ज्यादा बोझ न हो।
3. रोजगार
स्मार्ट सिटी में इन्वेस्टमेंट ऐसा आए जिससे वहां या आसपास रहने वाले लोगों को रोजगार के पूरे मौके मिलें। स्मार्ट सिटी के अंदर रहने वालों को अपनी आमदनी के लिए उस इलाके से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े।
जो सुविधाएं आजादी के बाद से अब तक आपको नहीं मिलीं, वे स्मार्ट सिटी में उपलब्‍ध कराई जाएंगी। इनमें ट्रांसपोर्ट, आवासीय, बिजली-पानी, हेल्थ और एजुकेशन की सुविधाएं देने के लिए कुछ मानक तय किए गए हैं।
1. ट्रांसपोर्ट
– स्मार्ट सिटी के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान जाने का ट्रैवल टाइम 45 मिनट से ज्यादा न हो।
– कम से कम 2 मीटर चौड़े फुटपाथ हों।
– रिहाइशी इलाकों से 800 मीटर की दूरी या 10 मिनट वॉक पर बस या मेट्रो की सुविधा हो।
2. रिहाइश
– 95 फीसदी रिहाइशी इलाके ऐसे हों जहां 400 मीटर से भी कम दूरी पर स्कूल, पार्क और रीक्रिएशन पार्क मौजूद हों।
– 20 फीसदी मकान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए हों।
– कम से कम 30 फीसदी रिहाइशी और कमर्शियल इलाके बस या मेट्रो स्टेशन से 800 मीटर की दूरी के दायरे में ही हों।
3. बिजली और पानी
– स्मार्ट सिटी में 24 घंटे पानी और बिजली सप्लाई हो।
– 100 फीसदी घरों में बिजली कनेक्शन हों। सारे कनेक्शनों में मीटर लगा हो।
– लागत में नुकसान न हो। यानी कोई बिजली-पानी चोरी न कर पाए।
– प्रति व्यक्ति कम से कम 135 लीटर पानी दिया जाए।
4. वाईफाई कनेक्टिविटी
– 100 फीसदी घरों तक वाईफाई कनेक्टिविटी हो।
– 100 एमबीपीसी की स्पीड पर वाईफाई पर मिले।
5. हेल्थ
– स्मार्ट सिटी में इमरजेंसी रिस्पॉन्स टाइम 30 मिनट से ज्यादा न हो।
– हर 15 हजार लोगों पर एक डिस्पेंसरी हो।
– एक लाख की आबादी पर 30 बिस्तरों वाला छोटा अस्पताल, 80 बिस्तरों वाला मीडियम अस्पताल और 200 बिस्तरों वाला बड़ा अस्पताल हो।
– हर 50 हजार लोगों पर एक डायग्नोस्टिक सेंटर हो।
6. एजुकेशन
– 15 फीसदी इलाका एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के लिए हो।
– हर 2500 लाेगों पर एक प्री-प्राइमरी, हर 5000 लोगों पर एक प्राइमरी, हर 7500 लोगों पर एक सीनियर सेकंडरी और हर एक लाख की आबादी पर पहली से 12वीं क्लास तक का एक इंटिग्रेटेड स्कूल हो।
– सवा लाख की आबादी पर एक कॉलेज हो।
– 10 लाख की आबादी पर एक यूनिवर्सिटी, एक इंजीनियरिंग कॉलेज, एक मेडिकल कॉलेज, एक प्रोफेशनल कॉलेज और एक पैरामेडिकल कॉलेज हो।
 

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