राजस्थान: सेना का ड्रोन क्रैश, मिसाइल फायर की अफवाह से डरे गांववाले


सूत्रों के अनुसार, वायुसेना का यूएवी गुरुवार सुबह नियमित गश्त के लिए जैसलमेर से उड़ा। करीब आधे घंटे बाद इसका कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया। इसके बाद वायुसेना ने इसकी तलाश शुरू कर दी। वायुसेना के हेलिकॉप्टर ने एक गांव में इसका मलबा पड़ा देखा। आसपास लोगों की भीड़ जुटी हुई थी। हालांकि, मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को इसके पास जाने से रोक रखा था। वायुसेना के अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने यूएवी के मलबे को कब्जे में ले लिया। बता दें कि तीन महीने पहले भी जैसलमेर से उड़ा एक यूएवी बाड़मेर जिले में क्रैश हो गया था।
सीमा पर निगरानी के काम आता है यूएवी
सीमा पर निगरानी के लिए यूएवी की बेहद अहम भूमिका है। सेना के तीनों सेक्शन के पास यूएवी हैं। भारत के पास मुख्य रूप से इजरायल में बने यूएवी हैं। सेना करीब बीस साल से इनका इस्तेमाल कर रही है। सामान्य हालात में एक यूएवी चार सौ से एक हजार किलोमीटर की उड़ान लगातार भर सकता है। इस दौरान यह इलाके की फोटोज कंट्रोल रूम को भेजता है।
सीमा पर निगरानी के लिए यूएवी की बेहद अहम भूमिका है। सेना के तीनों सेक्शन के पास यूएवी हैं। भारत के पास मुख्य रूप से इजरायल में बने यूएवी हैं। सेना करीब बीस साल से इनका इस्तेमाल कर रही है। सामान्य हालात में एक यूएवी चार सौ से एक हजार किलोमीटर की उड़ान लगातार भर सकता है। इस दौरान यह इलाके की फोटोज कंट्रोल रूम को भेजता है।
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