रायन स्कूल के टॉयलेट में शराब पीते थे सीनियर, स्कूल बाउंड्री के अंदर ही ड्राइवर खेलते थे ताश

नई दिल्ली। गुरुग्राम के रायन इंटरनेशनल स्कूल में 7 साल के छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले की जांच में जैसे-जैसे पुलिस आगे बढ़े रही वैसे-वैसे स्कूल प्रशासन की लापरवाही की परतें दिन-प्रतिदिन खुलती नजर रही है. यह स्कूल प्रशासन की लापरवाही ही है कि कोई बाहरी शख्स स्कूल में आता है और एक छात्र की हत्या करके चला जाता है. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि रायन इंटरनेशनल स्कूल की लापरवाही के किस्से आज के नहीं है. इनकी फेहरिस्त बहुत लंबी है. लेकिन इस स्कूल में प्रशासन कितना ढीला है दो महीने पहले की एक घटना के सामने के आने के बाद और पुख्ता हो जाता है. आपको बता दें कि 2 महीने पहले गुरुग्राम के रायन स्कूल के फर्स्ट फ्लोर के टॉयलेट में क्लास 11th-12th के बच्चे शराब पी रहे थे. जब स्कूल के छोटे बच्चो ने उनकी ये करतूत देख ली तो इन छात्रों ने उन्हें अंजाम भुगतने की धमकी दी थी.

स्कूल में छोटी क्लास के इन छात्रों ने जब इस बात की शिकायत रायन स्कूल की छवि मैडम और वीना मैडम से की थी तो उन्होंने इस बात को यहीं पर दबा देने की बात कही और परिवार को भी ना बताने की बच्चों को हिदायत दी. आपको बता दें कि छवि मैडम रायन इंटनेशनल स्कूल में सुपरवाइजर हैं और वीना मैडम स्कूल की स्पोर्ट्स टीचर हैं.

स्कूल बसों के ड्राइवर और कंडक्टर अक्सर ग्राउंड फ्लोर का टॉयलेट इस्तेमाल करते थे. कुछ बच्चों और अभिवावकों ने बताया है कि स्कूल की बाउंड्री के अंदर ही ड्राइवर लोग शराब पीते थे और ताश खेलते थे. जिन बच्चों ने ये बात हमें बताई उनके घरवालों ने उन्हें कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया था. ये सारी बातें बच्चों ने ऑफ द् रेकॉर्ड बताई है.

इस मामले में शुक्रवार को हरियाणा सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी स्कूली छात्रों को यौन उत्पीड़न और हत्या जैसे अपराधों से संरक्षण प्रदान करने के लिये दिशा निर्देश बनाने और उन पर अमल सुनिश्चित कराने के लिये दायर याचिका पर शुक्रवार (15 सितंबर) को केन्द्र और सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी किये.

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने महिला वकील आभा आर शर्मा और संगीता भारती की याचिकाओं पर केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय और सभी राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किये. इन सभी को तीन सप्ताह के भीतर नोटिस के जवाब देने हैं.

शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही इन वकीलों की याचिका को सात वर्षीय छात्र प्रद्युमन के पिता की याचिका के साथ संलग्न कर दिया. प्रद्युमन की गुरुग्राम में रायन इंटरनेशनल स्कूल के शौचालय में गला रेत कर हत्या कर दी गयी थी. शीर्ष अदालत सोमवार (18 सितंबर) को गाजियाबाद के इन्दिरापुरम में स्थित जी डी गोयनका पब्लिक स्कूल के नौ वर्षीय छात्र अरमान सहगल की मृत्यु को लेकर दायर उसके पिता की याचिका पर भी सुनवाई करेगा. इस याचिका में अरमान की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया गया है.

वकील सुजीता श्रीवास्तव के माध्यम से दायर जनहित याचिका में स्कूल की चाहरदीवारी के भीतर बार बार छात्रों के शोषण और बाल यौन शोषण की हो रही घटनाओं का मुद्दा उठाया गया है. याचिका में केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों को स्कूलों के लिये बच्चों की सुरक्षा के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं होने देने को अधिसूचित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

याचिका में स्कूलों में बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिये बाल अधिकारों के संरक्षण के लिये दिल्ली आयोग सहित विभिन्न प्राधिकारियों के मौजूदा दिशा निर्देश उचित तरीके से लागू करने का अनुरोध किया गया है. दिशा निर्देशों का हवाला देते हुये इसमें कहा गया है कि प्रत्येक स्कूल के लिये बाल संरक्षण नीति बनाना जरूरी है जो समझ में आनी चाहिए और सभी कर्मचारियों या नयी भर्ती वाले कर्मिकों को बतायी जानी चाहिए और उन पर उनके हस्ताक्षर होने चाहिए.

महिला वकीलों ने दिशा निर्देशों के लिये कुछ सुझाव भी दिये हैं. उनका कहना है कि स्कूलों के एक किलोमीटर के दायरे में शराब की दुकानों, तंबाकू और तंबाकू आधारित उत्पादन पान मसाला, सिगरेट और गुटखा आदि बेचने वाली दुकानों की अनुमति नहीं होनी चाहिए.

 

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