लीक हुआ सीक्रिट लेटर, घोटाले का पर्दाफाश
मुंबई। मेयर स्नेहल आंबेकर के बीएमसी कमिश्नर को लिखे एक पत्र ने बीएमसी के सड़क घोटाले का पर्दाफाश कर दिया है। मेयर का लिखा यह ‘गोपनीय’ पत्र ‘लीक’ हो जाने से नाला सफाई घोटाले में बदनामी झेल रही शिवसेना के सामने एक नई परेशानी खड़ी हो गई है। इसी बहाने विपक्ष को शिवसेना पर निशाना साधने का बैठे-बिठाए मौका भी मिल गया है।
मेयर स्नेहल आंबेकर ने 8 सितंबर को बीएमसी कमिश्नर अजय मेहता को एक ‘गोपनीय’ पत्र में लिखा, ‘जिस तरह नाला सफाई के मामले में जांच शुरू की गई है, वैसी ही जांच सड़क विभाग के मामले में भी शुरू की जानी चाहिए। इसमें भी उसी प्रकार भ्रष्टाचार हो रहा है।’ मेयर ने पत्र में आगे लिखा है, ‘सड़क विभाग के ठेकेदार केवल 20 पर्सेंट मलबे की ढुलाई करते हैं। 80 पर्सेंट पैसा मुफ्त में ठेकेदारों और भ्रष्ट अधिकारियों की जेब में जा रहा है।’ मेयर ने इस सारे मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कमिश्नर से की है।
पीए का तबादला:
मेयर के इस गोपनीय पत्र के लीक होकर वायरल होने के बाद मेयर की पर्सनल असिस्टेंट प्रियंका देसाई का एक ही दिन में दो बार तबादला कर दिया गया। पत्र लीक होने के बाद पहले उन्हें ‘के वॉर्ड’ में ट्रांसफर किया गया, फिर बुधवार सुबह ही उन्हें ‘टी वॉर्ड’ में ट्रांसफर कर दिया गया।
इस मामले पर जब मीडिया ने मेयर से संपर्क किया तो उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया। मेयर की चुप्पी के बाद शिवसेना के नगरसेवक और बीएमसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष यशोधर फणसे ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, ‘मुंबई में सड़कों का काम बेहतर ढंग से हुआ है। सड़कों पर गड्ढों की संख्या कम हुई है। इसलिए यह कहना मुश्किल है कि घोटाला कहां और कैसे हुआ है।’
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार हुआ है, तो उसकी जांच होनी ही चाहिए। मगर इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि मेयर का ‘गोपनीय’ पत्र लीक कैसे हुआ।
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :
कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:
हमें ईमेल करें : [email protected]