बधाई सारे पूर्व सैनिको को, वन रैंक वन पेंशन का हो गया ऐलान

parikarतहलका एक्सप्रेस

नई दिल्ली। वन रैंक वन पेंशन के लिए पिछले तीन महीने से जंतर-मंतर पर आंदोलन कर रहे पूर्व सैंनिकों का इंतजार आज खत्म हो गया। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने दोपहर तीन बजे मंत्रालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसकी जानकारी दी। रक्षा मंत्री आज हैदराबाद जाने वाले थे, लेकिन उन्होंने यह दौरा रद्द कर दिया। पार्टी नेता और नई दिल्ली की सांसद मिनाक्षी लेखी ने भी इसकी पुष्टि करते हुए जो वादा किया था उसके पूरा होने का समय आ गया है।

वन रैंक वन पेंशन लागू होने की घोषणा के संकेतों के बीच छह पूर्व सैनिकों के प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा मंत्री से मुलाकात की। इस मुलाकात से पहले रिटायर्ड सैनिकों के प्रवक्ता सतबीर सिंह ने कहा, ‘हमें मीडिया के जरिए पता चला है कि वीआरएस लेने वाले सैंनिक वन रैंक वन पेंशन के दायरें में नहीं आएंगे। यह हमें स्वीकार्य नहीं है।’ सूत्रों का कहना है कि ज्यादातर आंदोलनकारी पूर्व सैनिक सरकार के प्रस्ताव से खुश हैं और इसके घोषित होते ही वे अपना आंदोलन समाप्त कर देंगे।

पूर्व सैनिकों से मिलने के बाद मनोहर पर्रिकर ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की है। समझा जा रहा है कि तीन बजे रक्षा मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद 4 बजे अमित शाह की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। इससे पहले पार्टी अध्यक्ष ने सभी प्रवक्ताओं के साथ इस विषय पर बात की। प्रवक्ताओं से मीडिया में दिए जाने वाले बयानों को लेकर रणनीति पर बात की।

पूर्व सैनिकों को इस व्यवस्था का लाभ जुलाई 2014 से मिलेगा और गणना के लिए 2013 को आधार वर्ष माना जाएगा। हालांकि पूर्व सैनिक पेंशन को हर दो साल में कम से कम एक बार संशोधित करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार अपने पांच साल में संशोधन के रुख पर अड़ी हुई है। अन्य सरकारी कर्मचारियों के लिए यह प्रावधान 10 साल का है। पूर्व सैनिकों ने पहले पेंशन में हर साल संशोधन की मांग की थी।

अधिकतम और न्यूनतम पेंशन का औसत पूर्व सैनिकों की समान रैंक पर पेंशन और पूरी पेंशनेबल सर्विस पर रिटायर होने वाले पूर्व सैनिकों की पेंशन होगी। पहले ही इस औसत से ज्यादा पेंशन ले रहे पूर्व सैनिकों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। सूत्रों के मुताबिक वन रैंक वन पेंशन के बारे में सरकार का मानना है कि बराबर सालों तक सेवा देने वाले और समान रैंक से रिटायर होने वाले सैनिकों की पेंशन समान हो।

इसके अलावा, वन रैंक वन पेंशन का लाभ शहीदों की विधवाओं को भी मिलेगा। हालांकि, वीआरएस लेने वालों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। सरकार की जुलाई 2014 से लेकर अब तक का एरियर दो सालों के भीचर चार किश्तों में देने की योजना है। विधवाओं को यह एक ही बार में दे दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक वन रैंक वन पेंशन लागू करने से सरकार पर हर साल 8 से 10 हजार करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। मौजूदा वित्तीय वर्ष में सरकार ने इसके लिए 54,500 करोड़ रुपए का बजट रखा है।

एक अधिकारी का कहना था कि पूर्व सैनिकों की मांग है कि उन्हें अप्रैल 2014 से इसका लाभ दिया जाए, लेकिन सरकार ने इसके लिए जुलाई माह को चुना है, क्योंकि मोदी सरकार ने 26 मई 2014 से काम संभाला है।

 

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