शिमला नगर निगम: बीजेपी की ऐतिहासिक जीत, पीएम मोदी-अमित शाह ने कहा विकास की जीत

शिमला। बीजेपी ने बीते तीन दशक में पहली बार शिमला नगर निगम में सबसे सीटें जीतकर इतिहास रच दिया, लेकिन वह 18 सदस्यों के सामान्य बहुमत के आंकड़े को हासिल करने में नाकाम रही. पार्टी ने 17 सीटों पर जीत दर्ज की. बीजेपी ने 34 में से 17 सीटों पर जीत हासिल की. इस बड़ी जीत पर पीएम मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इसे विकास की जीत बताया.

पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ”शिमला नगर निगम चुनाव में बीजेपी की जीत ऐतिहासक है…यह जीत दिखाता है कि लोगों का विकास की राजनीति में विश्वास है.”

इस जीत पर पीएम मोदी ने एक और ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ” मैं शिलमा के लोगों का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने बीजेपी का समर्थन किया..कार्यकर्ताओं और नेताओं को उनकी कड़ी मेहनत के लिए बधाई.”

इसके साथ ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी ट्वीट करते हुए शिमला के लोगों के लोगों को धन्यवाद कहा और कार्यकर्ताओं को बधाई दी.


वहीं निगम पर 26 सालों तक काबिज रहने वाली कांग्रेस के 12 उम्मीदवार निर्वाचित हुए हैं. इसके साथ ही साथ ही चार निर्दलीय और सीपीएम का एक उम्मीदवार भी चुनाव जीतने में कामयाब रहा.

तीन निर्दलीय पार्षदों शारदा चौहान, कुसुम लता और संजय परमार ने कांग्रेस को अपना समर्थन देने का ऐलान किया. जिसका मतलब है कि कांग्रेस के पास 15 पार्षदों का समर्थन है, लेकिन बीजेपी के 17 पार्षदों की तुलना में आंकड़े अभी भी उसके पक्ष में नहीं हैं. बीजेपी के एक नेता ने कहा, “हम एक निर्दलीय पार्षद के समर्थन से नगर निगम पर काबिज होने जा रहे हैं.”

चौथे निर्दलीय पार्षद बीजेपी के बागी हैं और उनके पार्टी का समर्थन करने की संभावना है, जिससे बहुमत का आंकड़ा पूरा हो जाएगा. मतदान शुक्रवार को हुआ था, जिसमें 91,000 से भी अधिक योग्य मतदाताओं में से करीब 58 फीसदी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.

चुनाव में निर्वासित तिब्बतियों ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया. चेन्नई और कोलकाता के बाद शिमला सबसे पुराना नगर निगम है. चुनाव में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी के बीच था. हालांकि उम्मीदवारों ने पार्टी के चुनाव चिन्हों पर चुनाव नहीं लड़ा.

बीजेपी ने 34, कांग्रेस ने 27 और सीपीएम ने 22 उम्मीदवारों का समर्थन किया था. शिमला नगर निगम पर 26 सालों से कांग्रेस काबिज रही है.

साल 2012 में सीपीएम ने मेयर, उप मेयर और साथ ही एक पार्षद की सीट जीती थी. इस तरह सीपीएम ने केवल तीन सदस्यों की बदौलत 25 सदस्यीय सदन में शासन किया था. अधिकांश पार्षद कांग्रेस के थे.

 

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