सरताज अजीज को आना हो तो आएं, लेकिन बस आतंक पर ही होगी बातः सुषमा

नई दिल्ली।भारत ने शनिवार को पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि एनएसए की मीटिंग सिर्फ आतंकवाद पर होगी और इसमें आतंकवाद के अलावा कोई मुद्दा नहीं जुड़ सकता है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि हम बुलाने को तैयार हैं, वह आने को भी तैयार हैं, लेकिन अगर पाकिस्तान ने तीसरे पक्ष को शामिल किया, तो बातचीत नहीं होगी। पाकिस्तान को इस पर आज रात तक फैसला लेना होगा।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज को जवाब देते हुए कहा कि भारत बातचीत से बिल्कुल भागना नहीं चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत बातचीत के लिए माहौल बनाना चाहता है, जिससे बातचीत आगे बढ़ सके।
उन्होंने कहा कि सरताज अजीज का भारत में स्वागत है, लेकिन पाकिस्तान को आतंकवाद से इतर सभी मुद्दों को अलग रखना होगा। सुषमा ने कहा कि सरताज अजीज को शिमला समझौते का सम्मान करते हुए हुर्रियत को तीसरा पक्ष नहीं बनाना चाहिए।
उफा पर पाक को जवाबः सुषमा ने कहा कि उफा में पीएम मोदी और पाकिस्तानी पीएम नवाज के बीच, कंपोजिट डायलॉग की बहाली नहीं हुई, जैसा कि सरताज अजीज कह रहे हैं कि बातचीत में कश्मीर समेत सभी मुद्दों को शामिल किया जाए।
उन्होंने कहा कि दोनों पीएम के बीच उफा में कंपोजिट बातचीत का महौल बनाने के लिए पहले आंतक और हिंसा को खत्म करने के लिए एनएसए समेत तीन लेवल की बातचीत पर सहमति हुई थी।
पाक से हर बातचीत वार्ता नहीं: सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान के साथ हर बातचीत वार्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि कंपोजिट बातचीत पाकिस्तान की साथ अभी शुरू हुई ही नहीं है, जैसा कि पाकिस्तान की तरफ से कहा जा रहा है।
सुषमा ने कहा कि 1998 में भारत-पाक के बीच कंपोजिट डायलॉग शुरू हुआ था। उन्होंने कहा तक अटल सरकार ने इसके आठ अंग रखे थे। इन आठों अंगों को कौन देखेगा, यह भी तय कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि यह तय हुआ था कि आठों विषयों पर दोनों देशों में बातचीत हो जाएगी, तो फिर विदेश मंत्री इसकी समीक्षा करेंगे। 2005 में विदेश मंत्री स्तरीय बातचीत हुई। 2006 में मुंबई हमले के बाद यह प्रक्रिया रुक गई। 2010 में बातचीत फिर शुरू हुई और इसे रिज्यूम डायलॉग कहा गया। 2012 में सीमा पर फायरिंग और सैनिक के सिर कलम करने की घटना हुई, तो यह प्रक्रिया रुक गई।
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