हडपसर ट्राफिक पुलिस इंस्पेक्टर अशोक थोरात बोले कोर्ट की अपनी पावर है हमारी अपनी पावर है

कोर्ट ने फटकार लगते हुए हाज़िर रहने का आदेश दिया तो बीमारी का बहाना बनाकर चोकी छोड़कर भागे थोरात

रायटर विनायक मधुकर जोशी बोले हम ९० दिनों तक कुछ भी कर सकते है

thoratबेबाक राशिद सिद्दीकी

पुणे शहर के हडपसर ट्राफिक पुलिस इंस्पेक्टर अशोक नामदेव थोरात का दबंगई व् मनमानी करने का एक ऐसा मामला सामने आया है की उन्होंने कोर्ट के आदेश को भी टाक पर रख दिया मिली जानकारी के मुताबिक गत २३/०९ /२०१५ की शाम हडपसर परिसर में ट्राफिक पुलिस कर्मियों ने एक मारुती वेन इंगो MH12 AT 7461को चैकिंग के बहाने रोका पहले लाइसंस फिर गाड़ी के पेपर फिर लेन देन की बात कुल मिलाकर गाड़ी छोड़ने के लिए पुलिस ने इतने पैसे मांगे जो की वाहन चालक सतीश पटोले के पास नहीं थे.मामला पुलिस इंस्पेक्टर थोरात तक जा पहुंचा थोरात ने अपने पुलिस कर्मियों को आदेश देते हुए कहा की गाड़ी जप्त करो और इसे २०७ यानि गैरकानूनी ढंग से वाहतुक करने का नोटिस दे दो पुलिस कर्मियों ने पटोले को २९७ का नोटिस दिया और गाड़ी जप्त कर ली परन्तु गाड़ी अपनी रिपोर्ट में जप्त नहीं दिखाई दुसरे दिन सतीश पटोले ने अपनी गाड़ी की ज़मानत करने के लिए वाहन मोटर कोर्ट गया जहा उसने ज़मानत पत्र तैयार कराये परन्तु हडपसर पुलिस ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट नहीं भेजी ५ दिन के बाद पुलिस ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट भेजी जिसपर न्यायाधीश ने उसे ज़मानत दे दज़मानत की आर्डर कोपी लेकर जब सतीश पटोले हडपसर ट्राफिक पुलिस चोकी पंहुचा तो रायटर विनायक मधुकर जोशी ने उसे ठुकराते हुए कहा कि हमें १०० रूपये के स्टाम्प पर बांड लाकर दो उसके बड दुसरे दिन कोर्ट की छुट्टी थी सतीश पटोले तीसरे दिन फिर कोर्ट पहुंचा और अपने वकील के माध्यम से उसने कोर्ट में मिन्नतें की साहब पुलिस ने गाड़ी नहीं छोड़ी न्यायाधीश ने तुरंत आर्डर किया की हडपसर ट्राफिक पुलिस इंस्पेक्टर को कोर्ट में हाज़िर किया जाय कोर्ट में चल रहे इस मामले कि भनक एक पत्रकार को  को लगी वोह मामले को समझने के लिए हडपसर ट्राफिक चोकी पंहुचा जहा उसकी मुलाकात रायटर से हुई रायटर विनायक जोशी से पुछा गया तो उन्होंने कहा कि कोर्ट का आर्डर बड की बात है हम ९० दिनों तक कुछ भी कर सकते है आप चाहे तो पी. आई. साहब से मिल सकते है पी. आई. थोरात बोले कोर्ट की अपनी पावर है हमारी अपनी पावर है दो दिन बाद आओ देखेंगे इधर कोर्ट में हाज़िर होने का जैसे आदेश आया पी. आई.थोरात के पसीने छुट गए और पी. आई. ने अपनी खाल बचाने के लिए एक नई चाल चली बीमारी का बहाना बनाकर एक सीधे साढ़े पुलिस सिपाही को कोर्ट में हाज़िर कर दिया कोर्ट ने सिपाही से पुचा कि इस वाहन पर पसेंजर धोने का केस है पर पसेंजरो के बयान  कहा है कोर्ट ने पुलिस सिपाही को कड़ी फटकार लगायी कोर्ट की समझ में आ गया था की यह मामला फर्जी है इसलिए न्यायधीश महोदय ने इस केस की आखरी हैरिंग मानते हुए खारिज कर दिया.

 

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